Major DhyanChand Sports University! स्पोर्ट्स-साइंस और एआइ पर होगा फोकस... तैयार किए जाएंगे ओलिंपियंस
मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश में स्थापित की जा रही है। इसका लक्ष्य स्पोर्ट्स साइंस और एआई का उपयोग करके ओलिंपियन तैयार करना है। खि ...और पढ़ें

मेजर ध्यानचंद राज्य खेल विश्वविद्यालय। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, मेरठ। उत्तर प्रदेश के पहले बहुप्रतिक्षित मेजर ध्यानचंद राज्य खेल विश्वविद्यालय से अपेक्षा बहुत अधिक हैं। प्रदेश में तकनीकी और मेडिकल शिक्षा की ही तरह खेल शिक्षण व प्रशिक्षण में समानता लाने के लिए खेल विश्वविद्यालय से प्रदेशभर के शिक्षण संस्थान संबद्ध होंगे। यह खेल शिक्षा में एक नया व बड़ा बदलाव होगा, जिसकी निगरानी केंद्रीय स्तर पर शुरू होगी। खेल विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति, भविष्य की योजनाओं, लक्ष्यों पर विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल (रि.) दीप अहलावत के साथ दैनिक जागरण के डिप्टी चीफ रिपोर्टर अमित तिवारी ने की विशेष बातचीत। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश...

मेरठ जैसे स्पोर्ट्स हब में बन रहे खेल विश्वविद्यालय को लेकर आपकी दीर्घकालिक योजनाएं क्या हैं?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट विजन है कि यह देश की सबसे आधुनिक व बेहतरीन खेल विश्वविद्यालय बने। इसमें फिजिकल एजुकेशन के पाठ्यक्रमों के साथ स्पोर्ट्स साइंस की बड़ी भागीदारी हो। स्पोर्ट्स टेक्नोलाजी का भरपूर इस्तेमाल हो और स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करे।
हमारा लक्ष्य एथलीट विकास कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय को पूरी तरह प्रतिबंद्ध बनाना, खेल शिक्षा से लेकर खेल विज्ञान, अनुसंधान व प्रशिक्षण में यह विश्वविद्यालय उच्चतम मानक स्थापित करना है। इसके जरिए उत्तर प्रदेश को भारतीय खेलों का एक शक्तिशाली केंद्र स्थापित करेंगे जो कि वैश्विक चैंपियन व ओलिंपियन तैयार करे।
खेल विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति क्या है, आने वाले दो वर्षों में हम इसे किस स्तर पर देख सकेंगे?
खेल विश्वविद्यालय में बीपीईएस यानी बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स पाठ्यक्रम शुरू हो गया है। निर्माण कार्य तकरीबन 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है। अगले शैक्षणिक सत्र से पहले बनकर तैयार होने की उम्मीद है। इसमें चार कालेज, 16 विभाग खुलेंगे। चार कालेजों में कालेज आफ फिजिकल एजुकेशन, कालेज आफ स्पोर्ट्स साइंसेस, कालेज आफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी और कालेज आफ स्पोर्ट्स कोचिंग हैं।
अगले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कम से कम 50 प्रतिशत क्षमता पर शुरू करने का लक्ष्य है। उसके अगले वर्ष 75 प्रतिशत और तीन वर्ष पूर्ण होने पर 100 प्रतिशत क्षमता पर पहुंचाने की योजना है। जिस तरह मेडिकल और तकनीकी शिक्षा की मान्यता प्रदेश में केंद्रीय स्तर पर हो रही है, उसी तरह स्पोर्ट्स एजुकेशन देने वाले संस्थानों की मान्यता मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय से दिया जाएगा। खेल विश्वविद्यालय के एक्ट का यह हिस्सा है कि जो भी कालेज खेल से जुड़ी शिक्षा दे रहे हैं, उनकी संबद्धता खेल विश्वविद्यालय से दी जाएगी जिससे खेल शिक्षा व प्रशिक्षण में समानता हो सके।
बीपीईएस के बाद कौन से पाठ्यक्रम शुरू होंगे? क्या एआइ से जुड़ा कोई पाठ्यक्रम भी होगा?
एआइ का भरपूर इस्तेमाल चीन, जापान, यूरोपीय देश खेलों में कर रहे हैं। एथलीट की क्षमता बढ़ाने, प्रदर्शन को बेहतर करने, एआइ की महत्वपूर्ण भूमिका है। विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ स्पोर्ट्स टेक्नोलाजी में एक भाग एआइ भी होगा।
ओलिंपिक के टाप विकसित देश विश्वस्तरीय प्रशिक्षण के साथ ही एआइ और स्पोर्ट्स साइंस का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे देश में एआइ का इस्तेमाल शुरू तो हो गया है लेकिन उस चरम सीमा पर नहीं पहुंचा है, जिसके लिए हम 2036 में ओलिंपिक खेलों की मेजबानी का सपना देख रहे हैं। एआइ के इस्तेमाल को हमें उसी स्तर पर पहुंचाना होगा। एआइ के साथ ही स्पोर्ट्स साइंस भी खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण है जिसपर फोकस रहेगा। जल्द ही विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल की बैठक होगी। बैठक में यह निर्णय लेंगे कि किन पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी।
विश्वस्तरीय खेल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की किन-किन खेलों की सुविधाएं व संसाधन होंगे?
विश्वविद्यालय की शुरुआत 15 खेलों से होगी। उसके बाद सभी ओलिंपिक खेलों की सुविधाएं धीरे-धीरे मुहैया कराई जाएंगी। शुरु में एथलेटिक्स का बेहतरीन सिंथेटिक ट्रैक मिलेगा, हाकी का एस्ट्रोटर्फ होगा, फुटबाल मैदान, लान टेनिस, कुश्ती, भारोत्तोलन, टेबल-टेनिस, वुशू, ताइक्वांडो, बैडमिंटन्, स्वीमिंग आदि खेल होंगे। इनके अलावा आठ अतिरिक्त खेलों के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है। इसमें बास्केटबाल, वालीबाल, तीरंदाजी, निशानेबाजी, कबड्डी, घुड़सवारी आदि खेल हैं।
एथलीटों के लिए छात्रावास, जिम, स्पोर्ट्स साइंस लैब, फिजियोथेरेपी सेंटर आदि के निर्माण कार्य किस चरण में पहुंचे हैं?
जो भवन बन रहे हैं, उनका ही इस्तेमाल होगा। उपकरणों का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है बजट आवंटन के लिए। काम शुरू हो चुका है। इसमें स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया की मदद ली जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण व शिक्षण के लिए शिक्षकों व प्रशिक्षकों की नियुक्ति कब से शुरू होगी?
विश्वविद्यालय में टीचिंग, नान-टीचिंग व अन्य कर्मचारियों के पदों के लिए कुलाधिपति की स्वीकृति मिल गई है और शासन को भेज दिया गया है। शैक्षणिक पद यूजीसी नियमावली के के अनुरूप होंगे। हर विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, चार असिस्टेंट प्रोफेसर होंगे।
स्पोर्ट्स साइंस को लेकर साई ने बेंगलुरू में विश्वस्तरीय केंद्र खोला है। खेल विश्वविद्यालय में भी क्या ऐसा कोई केंद्र रहेगा?
खेल विश्वविद्यालय में उसी तर्ज पर एक हाई परफार्मेंस सेंटर बनेगा। इसमें बायोमैकेनिक्स की सुविधाएं, स्पोर्ट्स फिजियोलाजी, स्पोर्ट्स साइकोलाजी, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग होगा, फिजियोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन, पैरा एथलीट परफार्मेंस सेंटर, एथलीट मैनेजमेंट एंड डाटा कंपाइलेशन सेंटर आदि मिलाकर हाई परफार्मेंस सेंटर बनेगा।
देश-विदेश के उच्च स्तरीय खेल संस्थानों से एमओयू की क्या योजनाएं हैं?
देश और विदेश के बेहतरीन कालेजों व विश्वविद्यालयों से एमओयू का लक्ष्य है। देश में खेल तकनीकी पर कार्य करने वाले आइआइटी, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट पर काम करने वाले आइआइएम करेंगे। इसी तरह आस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स, यूएस के ओलिंपिक एंड पैरालिंपिक ट्रेनिंग सेंटर के साथ जापान, कतर, फ्रांस, यूके आदि जगहों पर स्पोर्ट्स की बेहतरीन यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू करने की योजना है।
खिलाड़ियों को रोजगार व करियर में आगे बढ़ाने के लिए क्या योजनाएं होंगी?
स्टूडेंट्स प्लेसमेंट सेल के तहत खिलाड़ियों की काउंसलिंग होगी। जो भी पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे उसकी बाजार में उपयोगिता को ध्यान में रखा जा रहा है। हर कोर्स को करियर अवसरों को ध्यान में रखते हुए संचालित होंगे। मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रम संचालित करेंगे। खेल उद्योग के साथ हमारी बैठक भी हुई है जिसमें उनकी जरूरत के अनुरूप सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार किया गया। यह कोर्स 12वीं के छात्रों को प्रशिक्षित कर, खेल उद्योग में कार्यरत होंगे। इसके साथ ही खेल उपकरणों पर खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए रिसर्च कर रिपोर्ट उद्योग को मुहैया कराएंगे जिससे वह क्वालिटी प्रोडक्ट तैयार कर सकें।
विश्वविद्यालय संचालन में वर्तमान में ऐसी कौन सी चुनौतियां हैं जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कर रहे हैं?
नया विश्वविद्यालय स्थापित करना एक चुनौती है। हर समस्या का समाधान भी निकलता है। राज्यपाल व मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में भी खेल विश्वविद्यालय होने से कोई समस्या लंबे समय तक नहीं बनी रहती है।

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