देवबंद में जमीयत सम्मेलन में भावुक भी हुए मदनी, बोले-हम जुल्म सह लेंगे लेकिन देश पर आंच नहीं आने देंगे
Mahmood Madani In Deoband सहारनपुर में देवबंद में शुक्रवार को जमीयत सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान भावुक भी हुए जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी। उन्होंने कहा कि देश में आज हालात मुश्किल हैं। देश में नफरत के पुजारी बढ़ गए हैं।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। सहारनपुर के देवबंद में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच शनिवार को देवबंद में हुए जमीयत उलमा-ए-हिंद के कार्यकारिणी अधिवेशन में जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भावुक हो उठे। मदनी की आंखों से जहां अपने फूफा और जमीयत के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत कारी उस्मान मंसूरपुरी को याद कर आंखों से आंसू निकल पड़े। वहीं, देश के मौजूदा हालात पर उनकी जबान से शोले बरसे।
भावुक होकर शेर भी पढ़ा
मौलाना महमूद मदनी ने भावुक स्वर और रुंध गले से दिवंगत कारी उस्मान को याद करते हुए शेर पढ़ा कि जो घर को कर गए खाली वो मेहमां याद आते है। इसके बाद उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसे मुश्किल हालात में हैं, जिसकी कल्पना नहीं कर सकते। कहा कि देश में आज हालात मुश्किल हैं। देश में नफरत के पुजारी बढ़ गए हैं। लेकिन इन मुश्किल हालातों में भी मायूस होने की जरूरत नहीं है। हम जुल्म सह लेंगे लेकिन देश पर आंच नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं, पर देश से नहीं। इस बात को हर किसी को समझने की जरूरत है।
मुश्किलों को झेलने के लिए हौसला चाहिए
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी स्थिति तो उस व्यक्ति से भी खराब है, जिसके पास कुछ नहीं है। हमारी स्थिति का अंदाजा कोई और क्या लगा सकता है। मुश्किलों को झेलने के लिए हौसला चाहिए, ताकत चाहिए। हम कमजोर लोग हैं, लेकिन कमजोरी का यह मतलब नहीं कि हमें दबाया जाए। हमारे अंदर ताकत है और हमें यह ताकत हमारे पैगंबर से मिली है। हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं, लेकिन अपने ईमान से समझौता नहीं करेंगे। हमारा ईमान हमें सिखाता है कि हमें मायूस नहीं होना है। उन्होंने कहा कि हमें उनके नफरत वाले ऐक्शन प्लान पर नहीं चलना है। हमें अपना मेलजोल बढ़ाना होगा।