फर्जी आवेदनों में अब मदरसा बोर्ड का रोल नंबर
यूपी बोर्ड में फर्जी आवेदनों के खिलाफ सख्त नियमों के बाद अब मदरसों के रोल नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है। मदरसों के रोल नंबरों का पूर्ण सत्यापन ऑनलाइन न किए जाने के कारण शिक्षा माफिया ने साल 2020 के बोर्ड परीक्षा आवेदनों में इस ओर रुख कर लिया है।
मेरठ, जेएनएन। यूपी बोर्ड में फर्जी आवेदनों के खिलाफ सख्त नियमों के बाद अब मदरसों के रोल नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है। मदरसों के रोल नंबरों का पूर्ण सत्यापन ऑनलाइन न किए जाने के कारण शिक्षा माफिया ने साल 2020 के बोर्ड परीक्षा आवेदनों में इस ओर रुख कर लिया है। किसी भी परीक्षार्थी का मदरसा बोर्ड का रोल नंबर लेकर उसे बोर्ड परीक्षा के आवेदनों में इस्तेमाल किया जा रहा है। बोर्ड परीक्षा आवेदनों में कागजातों की जांच के दौरान इस साल ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं। इसीलिए मदरसे के रोल नंबर से सभी आवेदनों की नए सिरे से जांच की जा रही है।
हर बार नया पैंतरा
फर्जी कागजातों के साथ आवेदनों में हर साल नया पैंतरा अपनाया जाता है। यूपी बोर्ड की ऑनलाइन व्यवस्था होने से पहले सीबीएसई और यूपी बोर्ड के रोल नंबर आवेदनों में इस्तेमाल होते थे। यूपी बोर्ड के सभी रोल नंबर ऑनलाइन न हो पाने के कारण सत्यापन नहीं हो पाता था। इसके बाद ऑनलाइन रोल नंबर का भी इस्तेमाल किया गया जिसके वेरीफिकेशन से बचने के लिए मिलते-जुलते नाम रख बाद में संशोधन कराया जाता। अब यूपी बोर्ड का डाटा ऑनलाइन होने से मदरसों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कराना होगा सत्यापन
क्षेत्रीय बोर्ड सचिव राणा सहस्त्रांशु कुमार 'सुमन' के अनुसार मदरसों के रोल नंबर वाले आवेदनों में कुछ गड़बड़ी मिलने के बाद ऐसे सभी आवेदनों में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से सत्यापन को अनिवार्य कर दिया गया है। जो आवेदन सत्यापित होकर वापस आएंगे उन्हें भी परिषद कार्यालय की ओर से दोबारा स्थलीय सत्यापन कराया जाएगा। जिससे द्विस्तरीय जांच कर आवेदन कीे ओरिजिनलिटी को पुख्ता किया जा सकेगा।
पांच साल का डाटा ही ऑनलाइन
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मो. तारिक ने बताया कि मदरसा बोर्ड के परीक्षार्थियों का पांच साल का डाटा ही ऑनलाइन हुआ है। मदरसा बोर्ड की वेबसाइट पर साल 2015 से 2019 तक का डाटा ऑनलाइन है। इस दौरान के रोल नंबर का सत्यापन ऑनलाइन किया जा सकता है। मदरसा बोर्ड की ओर से वर्ष 1956 से अब तक का डाटा तैयार कर लिया गया है। जल्द ही पूरा डाटा ऑनलाइन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो बच्चे अपने आवेदन का सत्यापन कराने पहुंच रहे हैं उनका सत्यापन किया जा रहा है।