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लव जिहाद और धर्मातरण जैसे मामलों में सजा भी देगी ¨हदू न्याय पीठ

हिंदू न्याय पीठ की मुख्य न्यायाधीश डा. पूजा शकुन पाडे ने कहा कि न्यायपीठ में भगवान राम के दरबार की तरह न्याय मिलेगा। सामाजिक, आर्थिक स्थिति या जाति देखकर नहीं बल्कि न्याय की प्रक्रिया निष्पक्ष और त्वरित होगी। सभी न्यायालय श्रीराम भवन के नाम से जाने जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 08:00 AM (IST)
लव जिहाद और धर्मातरण जैसे मामलों में सजा भी देगी ¨हदू न्याय पीठ
लव जिहाद और धर्मातरण जैसे मामलों में सजा भी देगी ¨हदू न्याय पीठ

मेरठ। हिंदू न्याय पीठ की मुख्य न्यायाधीश डा. पूजा शकुन पाडे ने कहा कि न्यायपीठ में भगवान राम के दरबार की तरह न्याय मिलेगा। सामाजिक, आर्थिक स्थिति या जाति देखकर नहीं बल्कि न्याय की प्रक्रिया निष्पक्ष और त्वरित होगी। सभी न्यायालय श्रीराम भवन के नाम से जाने जाएंगे।

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बुधवार को शारदा रोड स्थित अखिल भारत ¨हदू महासभा के कार्यालय में पत्रकार वार्ता में डा. पूजा ने कहा कि सभी जानते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने राज-धर्म का पालन करने के लिए सीता को निष्कासित कर दिया था। ¨हदू न्यायपीठ में भी निष्पक्षता का वैसा ही भाव होगा। सनातन धर्म की पुस्तकों यथा-नारद स्मृति के 2000 श्लोक, मनुस्मृति, स्मृति चंद्रिका, सरस्वती विलास जैसे ग्रंथों में न्याय और दंड विधान का गहराई से प्रतिपादन किया गया है। उसे ही आधार मानकर नियमावली (बायलाज) तैयार की जा रही है। इसका भारतीय संविधान से कोई टकराव नहीं होगा। उन्होंने कहा लव जिहाद और धर्मातरण कर ¨हदू धर्म को समाप्त करने की साजिश चल रही है। इससे संबधित मामले प्राथमिकता के आधार पर ¨हदू न्याय पीठ में सुने जाएंगे।

न्यायाधीश भी होंगे दंड के भागी

सुनवाई के साथ पीठ के न्यायाधीश सजा भी सुनाएंगे। अभी तक 1435 मामले आ चुके हैं। नियमावली की घोषणा दो अक्टूबर को की जाएगी। पेचीदा मामलों में ¨हदू महासभा के कार्यकर्ता मौके पर जाकर वास्तविकता का पता लगाएंगे। गलत निर्णय सुनाने पर न्यायाधीश भी दंड के भागी होंगे।

बेवजह का विरोध क्यों : अशोक

महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा, हिंदू न्याय पीठ को लेकर बेवजह का विरोध खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया, जब शरई अदालतों में सुनवाई हो सकती है तो हिंदू न्याय पीठ में क्यों नहीं? हम आपसी, परिवारिक झगड़े व सामाजिक मुद्दे न्याय पीठ में सुलझाएंगे, जिससे अदालतों पर बोझ कम होगा।

'फिर भारत बंटा तो कई गोडसे निकलेंगे'

पीठ की मुख्य न्यायाधीश डा. पूजा ने कहा वह इस बात पर कायम हैं कि अगर नाथूराम गोडसे की जगह वह होतीं तो वह भी गोडसे जैसा ही कदम उठातीं। कहा, गाधी जी ने आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया, पर देश विभाजन के निर्णय की गलती के लिए उन्हें माफ नहीं किया जा सकता। कहा गाधी जी की हत्या कर गोडसे ने कोई अपराध नहीं किया था। आज भी भारत के विभाजन का प्रयास हुआ तो कई गोडसे सामने आएंगे।

धर्म परिवर्तन करने वालों की घर वापसी का प्रयास

संगठन के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि ¨हदुओं का धर्मातरण रोकने के साथ ऐसा कराने वालों को कड़ी सजा होगी। घर वापसी का भी प्रयास किया जाएगा। महासभा के कार्यालय में आयोजित बैठक में अभिषेक अग्रवाल और अशोक पाडे को पीठ का प्रवक्ता नियुक्त किया गया। अरविंद शर्मा, पुरुषोत्तम उपाध्याय, ऋषि शर्मा, दीपक शर्मा, लोकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

मैं स्वयंभू मुख्य न्यायाधीश नहीं : पूजा

¨हदू न्याय पीठ की मुख्य न्यायाधीश डा. पूजा शकुन पांडे ने कहा कि उनकी नियुक्ति अखिल भारत ¨हदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने की है। उनके ऊपर महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। जिन्होंने जिम्मेदारी सौंपी है, वह स्वयंभू नहीं हैं। मीडिया में इस संबंध में चल रही बयानबाजी की निंदा की। कहा कि ¨हदू न्याय पीठ का मुख्यालय अलीगढ़ होगा। 15 सितंबर तक पांच जनपदों में ¨हदू न्यायालय का गठन कर न्यायाधीश नियुक्त किए जाएंगे। कहा कि भारतीय न्याय प्रणाली में उनका पूरा विश्वास है लेकिन सिस्टम की खामी के चलते लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा। कहा, एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार ने संशोधन प्रस्ताव पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए अशोक शर्मा धन्यवाद के पात्र हैं।


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