Meerut: शुगर मिल में आग से करोड़ों का नुकसान, पेराई बंद होने पर किसानों का हंगामा, लखनऊ तक मामले की गूंज
मेरठ की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में आग की घटना के बाद चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव भी मेरठ रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चीफ इंजीनियर की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। चीनी मिल की टरबाइन बंद होने से करोड़ों का नुकसान बताया जा रहा है। टरबाइन में आग लगने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई है, जिससे चीनी मिल को बंद करना पड़ा। दरअसल, टरबाइन से रोजाना 15 मेगावाट बिजली आपूर्ति चीनी मिल तैयार कर रहा था। चार से छह मेगावाट बिजली से चीनी मिल संचालित हो रहा था, जबकि नौ से 11 मेगावाट तक बिजली एचवीपीएनएल को बेची जाती है। टरबाइन के फुंकने से चीनी मिल की आपूर्ति बंद हो गई। साथ ही बिजली विभाग को भी 11 मेगावाट बिजली आपूर्ति का नुकसान उठाना पड़ा।
पेराई बंद होने से किसानों ने किया हंगामा
चीनी मिल में पेराई बंद होने से किसानों ने भी हंगामा कर दिया था। शाम को सात बजे प्रशासनिक अफसरों ने मौके पर पहुंचकर गन्ना तौल शुरू करा दिया। साथ ही चीनी मिल से जुड़े प्रत्येक गांव के किसानों को शनिवार रात और रविवार को गन्ना आपूर्ति पर रोक लगा दी है। प्रबंधक शीशपाल का कहना है कि टरबाइन में आग से करोड़ों का नुकसान हुआ है।
अपर मुख्य सचिव मोहिउद्दीनपुर के लिए रवाना, मुख्यमंत्री ने जताया गहरा दुख
मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में आग की घटना के बाद चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूस रेड्डी भी मेरठ रवाना हो गए हैं। दरअसल, चीनी मिल का पेराई भी बंद हो गया है, जिसकी वजह से लखनऊ तक मामले की गूंज है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चीफ इंजीनियर की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है।
मुख्यमंत्री ने दिए आदेश
मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि अपर मुख्य सचिव गन्ना मौके पर पहुंचकर आग लगने की वजह की जानकारी लें। साथ ही चीफ इंजीनियर के परिवार से मिलें। सीएम ने आग लगने के कारणों की जांच के आदेश भी दिए हैं। चीनी मिल के प्रबंधक शीशपाल का कहना है कि आग की जांच के लिए चीनी मिल से एक कमेटी का गठन किया गया है, जो कारणों की वजह तलाशेगी।
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यह होती है चीनी मिल की टरबाइन
चीनी मिल में चलने वाले बायलर से मिलने वाली स्टीम के जरिये टरबाइन चला बिजली उत्पादन किया जा रहा है। खुद का बिजली उत्पादन कर मिल प्रबंधन न केवल हर माह लाखों रुपये आने वाले बिजली बिल खर्च से बचत करता है। बल्कि एचवीपीएनएल को बिजली बेचकर अपनी आमदनी बढ़ाता है। टरबाइन से बिजली बनाई जाती है। उसके बाद चीनी मिल में पेराई करने वाली मशीनों को संचालित किया जाता है। मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में टरबाइन बंद होने से पेराई भी बंद हो गई है।