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सहारनपुर में यूरिया खाद लेने को मची मारामारी, भीड़ देख बुलानी पड़ी पुलिस Saharanpur News

जिले में किसान यूरिया यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं गुरुवार की सुबह किसान सहकारी समिति मोरा पर आई यूरिया खाद की गाड़ी को देखकर किसानों की खाद लेने के लिए भीड़ लग गई।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 03:19 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 03:19 PM (IST)
सहारनपुर में यूरिया खाद लेने को मची मारामारी, भीड़ देख बुलानी पड़ी पुलिस Saharanpur News
सहारनपुर में यूरिया खाद लेने को मची मारामारी, भीड़ देख बुलानी पड़ी पुलिस Saharanpur News

सहारनपुर, जेएनएन। जिले में किसान यूरिया यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं गुरुवार की सुबह किसान सहकारी समिति मोरा पर आई यूरिया खाद की गाड़ी को देखकर किसानों की खाद लेने के लिए भीड़ लग गई। भीड़ के बढ़ते देख कर्मचारियों ने इसकी सूचना दी और मौके से पुलिस को बुला लिया। कोई घटना न हो इस कारण से पुलिस ने सभी को लाइनों में खड़ाकर खाद का वितरण सूचारू रूप से करवाया। इस दौरान एक अधार कार्ड पर दो खाद के बोरे मिल रहे थे।

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कर्मचारियों के हाथ पांव फूले

भीड़ को देखकर किसान सहकारी समिति मोरा पर तैनात कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए। कर्मचारियों ने फोन कर पुलिस को बुला लिया मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों की लाइन लगवाई। किसानों द्वारा शारीरिक दूरी की जमकर धज्जियां उड़ाई गई इस दौरान वहां खड़ी पुलिस मूकदर्शक बनी रही। एक आधार पर एक आधार कार्ड पर किसानों को यूरिया के दो कट्टे मिलने से किसानों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। किसान सहकारी समिति मोरा के एमडी योगेश कुमार ने बताया कि गुरुवार की सुबह दो गाड़ियां आई थी, जिसको देखकर खाद्य लेने के लिए क्षेत्र के किसानों में मारामारी मच गई। किसानों की भीड़ को देखते हुए पुलिस को बुलाना पड़ा।

श‍ारिरीक दूरी का बना मजाक

खाद्य की दो गाडि़या रात में ही आ गई थी। जब लोगों को इसकी जानकारी हुई तो भीड़ तेजी के साथ बढ़ने लगी और देखते ही देखते सभी स्‍टाक खाली हो गए। बता दे की इस दौरान किसी तहर की शारिरीक दूरी का पालन नहीं रखा गया।

खाद्य की आपूर्ति नहीं होने से हो रही है दिक्‍कत

किसानों को समय पर खाद्य नहीं मिल पाने की वजह से ज्‍यादा समस्‍या आ रही है। किसानों का कहना है कि इस समय सिंचाई के तुरंत बाद फसलों का खाद्य देने की आवश्‍यकता है ऐसे में समय पर खाद्य नहीं मिल पाने से फसल का विकास पूरी तरह से नहीं हो सकता है।  


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