Locust Attack: हवा की दिशा बदलते ही टिड्डियों का छाया संकट, बुलंदशहर की सीमा पर पहुंचे तीन दल
अलीगढ़ में तीन दलों की आमद की सूचना पर अधिकारी बार्डर पर डटे हुए हैं। हवा की दिशा बदलते ही बुलंदशहर पर टिड्डियों का संकट आने के आसार दिखने लगे हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। टिड्डी दल की चाल पर अधिकारियों की नजर है, लेकिन हवा का रुख विषम हालात बना रहा है। दो दिन पहले टिड्डी दल खुर्जा के रास्ते अलीगढ़ की तरफ निकल गया था, लेकिन हवा का दिशा परिवर्तन फिर समस्या खड़ी कर रहा है। दोपहर तीन बजे पड़ोसी जनपद अलीगढ़ में तीन छोटे टिड्डी दलों की आमद की सूचना पर अधिकारी अलीगढ़ सीमा पर अरनिया और पहासू क्षेत्र में पहुंचे। ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
अलीगढ़ से फिर वापस हो रहा टिड्डी दल
तीन दिन पहले टिड्डियों का एक दल गौतमबुद्धनगर के रास्ते जनपद में दाखिल होने के बाद खुर्जा होते हुए अलीगढ़ की तरफ निकल गया था। टिड्डी दल ने खुर्जा में ही अरहर और ढैंचा की फसल को आंशिक नुकसान पहुंचाया था। सोमवार सुबह टिड्डी दल के इटावा जिला में पहुंचने की सूचना कृषि विभाग के अधिकारियों को मिली। इसके बाद अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी। उधर, दोपहर तीन बजे पड़ोसी जनपद अलीगढ़ से सूचना मिली कि वहां पर तीन छोटे टिड्डी दल देखे गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारी अलीगढ़ सीमा से लगे अरनिया और पहासू ब्लाक के गांवों में पहुंचे और ग्रामीणों को जागरूक किया।
जिला कृषि अधिकारी अश्वनी सिंह ने बताया कि अभी अलीगढ़ में टिड्डी दल के होने की जानकारी मिली है। हम किसानों को टिड्डी दल से फसल बचाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
बरत रहे अतिरिक्त सतर्कता
टिड्डी दल के बढ़ते खतरे को देखते हुए अरनिया और पहासू में फायर ब्रिगेड की गाड़ी में कीटनाशक भरकर तैयार कर दिया गया है। किसानों से ध्वनिवादक यंत्र बजाने को भी कहा गया है। कृषि रक्षा अधिकारी के अनुसार जिले में फिलहाल टिड्डियों ने अधिक नुकसान नहीं पहुंचाया है। फिर भी सतर्कता बरती जा रही है। टिड्डी दल द्वारा फसली नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है। फसल बीमा योजना के तहत किसानों को लाभ दिलाया जाएगा।
जिला अधिकारी ने दी जानकारी
टिड्डी दल से बचाव के लिए कृषि विभाग को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है। किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है। हालांकि अभी जिले में टिड्डी दल का विशेष प्रभाव नहीं है लेकिन हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। - रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी
टिड्डी दल का मार्ग निर्धारण हवा की चाल पर भी निर्भर है। पूर्वी दिशा में हवा चलने से जिले में फिर से टिड्डी दल की आमद हो सकती है। पश्चिम की हवा चलने पर खतरा टल सकता है। -अमरपाल सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी