Locust Attack: सिकंदराबाद क्षेत्र में पहुंचा टिड्डी दल, बुलंदशहर समेत आसपास के क्षेत्र में अलर्ट
ककोड़ क्षेत्र में टिड्डी दलों ने फसलों को नुकसान भी पहुंचाया। इस दौरान प्रशासन ने फायर ब्रिगेड और माउंटेन स्प्रे टैंकर लगाए। इस दौरान किसानों ने ध्वनियंत्र बजाया।
बुलंदशहर, जेएनएन। टिड्डी दल राजस्थान से होते हुए अब बुलंदशहर की सीमा में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान जिले और आसपास के क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। शनिवार दोपहर को फरीदाबाद से सिकंदराबाद क्षेत्र की सीमाओं में घुसे टिड्डी दल ने कुछ फसलों को मामूली नुकसान भी पहुंचाया। कृषि विभाग ने किसानों के साथ मिलकर ध्वनिवादक यंत्र बजाए तो टिड्डी दल खुर्जा के झांगरपुर गांव की ओर से उड़ता हुआ आगे निकल गया। विभाग ने सिकंदराबाद के कालिंगा आइटीआइ और खुर्जा के रास्तों पर डेरा डाल दिया है। रात में फायर ब्रिगेड और माउंटेन स्प्रे मशीन से रसायन का स्प्रे करके इन्हें नष्ट किया जाएगा। शासन ने बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़ और गाजियाबाद समेत आसपास के चार जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है।
तबाही मचाने के बाद टिड्डी दल बुलंदशहर की सीमा में दाखिल
अन्य राज्यों और जिलों में तबाही मचाने के बाद टिड्डी दल बुलंदशहर की सीमा में दाखिल हो चुका है। ककोड़ थानाक्षेत्र के गांव खाजपुर, जैतपुर, बैलाना, झाझर और नंगला आदि गांवों में काफी देर तक आसमान में मंडराता रहा। इसके बाद कुछ देर के लिए खेतों में उतरा और फसलों को मामूली नुकसान पहुंचाया। सूचना पर कृषि उपनिदेशक आरपी चौधरी और कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल सिंह ने किसानों के साथ मिलकर टिड्डी दल को ध्वनिवादक यंत्रों से भगाया। आशंका है कि रात में टिड्डी दल कहीं भी रुक सकता है। खुर्जा क्षेत्र की सीमाओं पर जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार को तैनात किया गया है।
कृषि विभाग की तैयारी पूरी
कृषि रक्षा अधिकारी अमरपाल सिंह ने बताया कि यह छोटा टिड्डी दल था, जिसे भगाने के लिए दिन में ध्वनिवादक यंत्रों का प्रयोग किया गया। यदि रात्रि में टिड्डी दल कहीं रुका तो फायर ब्रिगेड और माउंटेन स्प्रे मशीन से रसायन का स्प्रे करके इसे नष्ट किया जाएगा।
इनका कहना है
सिकंदराबाद क्षेत्र के गांव खाजपुर बैलाना, ठसराना, गड़ाना, झाझर नगरा और केसरी इनयातपुर गांवों से होकर टिड्डी दल खुर्जा की ओर रुख कर चुका है। इसे भगाने और नष्ट करने की पूर्ण तैयारी हैं। किसानों की फसलों की सुरक्षा की जा रही है।
- आरपी चौधरी, कृषि उप निदेशक