Lockdown 5.0: अब प्रवासी कामगारों के बच्चों को मिलेगा एडमिशन, लिस्ट के साथ घर-घर होगी तलाशी Bulandshahar News
बेसिक शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू की है। प्रशासन से लिस्ट लेकर घर-घर तलाश बच्चे करेंगे। कोरोना महामारी के चलते दूसरे राज्यों से हजारों प्रवासी कामगारों के परिवार लौटे हैं।
जगमोहन शर्मा, बुलंदशहर। कोरोना महामारी के चलते दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी कामगारों के बच्चों को परिषदीय स्कूलों में एडमिशन मिलेगा। इसकी कवायद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शुरू कर दी है। प्रशासन घर लौटे सभी प्रवासी कामगारों का पता बेसिक शिक्षा विभाग को देगा। इसके बाद परिषदीय स्कूलों के शिक्षक एडमिशन के लिए क्षेत्रवार संपर्क करेंगे।
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो परिवार पालने के लिए दूसरे राज्यों में गए जिले के प्रवासी कामगारों के सामने रोटी और रोजगार का संकट खड़ा हो गया। रोजगार की आस टूटने के बाद जिले के करीब 11 हजार 900 प्रवासी कामगार घर लौटे हैं। उनके बच्चों के सामने शिक्षा का संकट खड़ा हो गया। ऐसे में कामगारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से पुन: जोडऩे के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने पहले की है। शिक्षा विभाग प्रशासन से लिस्ट लेकर ब्लाकवार खण्ड शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध कराएगा। इसके बाद बीईओ परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को लिस्ट सौंपेंगे। प्रधानाध्यापक और अध्यापक कामगारों से गांव-गांव जाकर संपर्क कर उनके बच्चों के दाखिले करेंगे। वैसे भी परिषदीय स्कूलों में शिक्षा फ्री के साथ-साथ बस्ता, किताबें, कापी, यूनिफार्म और दोपहर का भोजन फ्री है।
संख्या बढ़ाने में मिलेगी मदद
करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर लडख़ड़ाता रहता है। नतीजन गरीब लोग भी अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाना पसंद नहीं करते हैं। इसलिए अधिकांश परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम है। प्रवासी कामगारों के बच्चों के दाखिले होंगे तो स्कूलों में छात्रों की संख्या भी पूरी होगी।
इनका कहना है...
जिले में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार दूसरे राज्यों से आए हैं। कामगारों और उनके बच्चों की लिस्ट प्रशासन के पास रिकार्ड में है। प्रशासन से बात करने के बाद उनके बच्चों को शिक्षा देने के लिए अभियान चलाएंगे। अभी महामारी का खतरा खत्म होने का इंतजार है। विभाग के पास पर्याप्त स्कूल और शिक्षक हैं। -अखंड प्रताप सिंह, बीएसए।