नगर निगम के सूरजकुंड वाहन डिपो में शराब पार्टी
नगर निगम के सूरजकुंड वाहन डिपो स्थित कार्यालय में शराब पार्टी मनाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की शिकायत नगर विकास मंत्री से की गई है। शराब पार्टी मनाते कर्मचारियों की फोटो भी भेजी गई है। इससे नगर निगम में हड़कंप मच गया है।
मेरठ, जेएनएन। नगर निगम के सूरजकुंड वाहन डिपो स्थित कार्यालय में शराब पार्टी मनाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की शिकायत नगर विकास मंत्री से की गई है। शराब पार्टी मनाते कर्मचारियों की फोटो भी भेजी गई है। इससे नगर निगम में हड़कंप मच गया है। नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी।
शिकायतकर्ता शास्त्री नगर निवासी हेमंत कुमार है। उन्होंने नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी, प्रमुख सचिव दीपक कुमार, कमिश्नर अनीता सी मेश्राम को शराब पार्टी के साक्ष्य के रूप में फोटो भेजी है। साथ ही पत्र लिख शराब पार्टी मनाने वाले डिपो प्रभारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह शराब पार्टी सूरजकुंड वाहन डिपो के कार्यालय में करीब 10 दिन पहले आयोजित की गई थी। रात में हुई शराब पार्टी में जोनल सेनेटरी अधिकारी व सूरजकुंड वाहन डिपो प्रभारी अरुण खरखौदिया और मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक व दिल्ली रोड वाहन डिपो प्रभारी गजेंद्र सिंह मौजूद हैं। उनके साथ नगर निगम के कई सफाई एवं खाद्य निरीक्षक शराब पार्टी में शामिल हैं। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि शासकीय कार्यालय में इस तरह से नियमित रूप से शराब पार्टी का आयोजन होता है, जिससे नगर निगम और सरकार की छवि खराब हो रही है। मालूम हो कि शिकायतकर्ता हेमंत कुमार नगर निगम में आउटसोर्सिग चालक था। दिल्ली रोड वाहन डिपो में तैनात था। लगभग एक साल पहले वाहन डिपो पर तालाबंदी और अभद्र व्यवहार के आरोप में उसे नौकरी से हटा दिया गया था।
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इन्होंने कहा कि..
-सूरजकुं ड वाहन डिपो में ऐसी किसी पार्टी का आयोजन कभी नहीं कि या गया है। यह आरोप गलत है।
अरुण खरखौदिया, जोनल सेनेटरी अधिकारी व प्रभारी सूरजकुंड वाहन डिपो।
-सूरजकुंड वाहन डिपो के कार्यालय में ऐसी किसी पार्टी का आयोजन नहीं हुआ है। यह शिकायत झूठी है।
गजेंद्र सिंह, मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक व प्रभारी दिल्ली रोड वाहन डिपो।
वर्जन:--
मैं अभी शहर से बाहर हूं। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं लाया गया है। अगर ऐसा है तो पहले जांच कराई जाएगी। अगर मामला सही पाया गया तो इसमें शामिल डिपो प्रभारी और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया, नगर आयुक्त।