आइए आपको मछेरान में ओडीएफ मेरठ का असली चेहरा दिखाते हैं
मेरठ शहर के सभी 90 वार्डो को खुले में शौचमुक्त घोषित करने वाला नगर निगम मछेरान में खुद सामुदायिक शौचालयों का मल सड़कों और नालियों में बहा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन यहां लापता है। लगभग 60 सीट वाले सरकारी सामुदायिक शौचालय बदहाल स्थिति में हैं। इनमें टैंक न बनाकर मल को सीधे सीवर लाइन में बहाया जाता है। सीवर लाइन बंद है। लिहाजा शौचालयों की गंदगी सड़कों और नालियों में बहती है। शौचालय न बनाने वाले लोगों को धमकाने वाला निगम खुद स्वच्छ मेरठ की राह में बाधा बना है।
मेरठ । मेरठ शहर के सभी 90 वार्डो को खुले में शौचमुक्त घोषित करने वाला नगर निगम मछेरान में खुद सामुदायिक शौचालयों का मल सड़कों और नालियों में बहा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन यहां लापता है। लगभग 60 सीट वाले सरकारी सामुदायिक शौचालय बदहाल स्थिति में हैं। इनमें टैंक न बनाकर मल को सीधे सीवर लाइन में बहाया जाता है। सीवर लाइन बंद है। लिहाजा शौचालयों की गंदगी सड़कों और नालियों में बहती है। शौचालय न बनाने वाले लोगों को धमकाने वाला निगम खुद स्वच्छ मेरठ की राह में बाधा बना है।
स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल स्थान पाने की होड़ में नगर निगम प्रशासन शहर के सभी 90 वार्डो को 2 अक्टूबर को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर चुका है। लेकिन नगर निगम के इस ओडीएफ मेरठ शहर का वास्तविक चेहरा देखना है तो आपको मेहताब सिनेमा के पास मछेरान (पूर्वा हाफिज अब्दुल करीम) मोहल्ले में आना होगा। दो भवन, 60 सीट, दुर्गध से बुरा हाल
केसरगंज मंडी से सटे पूर्वा हाफिज अब्दुल करीम मछेरान और आसपास क्षेत्र में लगभग 20 हजार आबादी निवास करती है। यहां छोटे छोटे घर हैं तथा गलियां संकरी हैं। घरों में शौचालय और गढ्डा बनाने का स्थान नहीं है। लिहाजा यहां निगम ने महिला और पुरूषों के लिए अलग अलग सामुदायिक शौचालय बनाये हैं। जिनमें लगभग 60 सीट हैं। दोनों शौचालय काफी पुराने हैं और बदहाल हैं। यहां मल निस्तारण के लिए गढ्डा न बनाकर उसे सीधे सीवर लाइन में डाला गया है। सीवर लाइन बंद है। लिहाजा सारा मल सड़कों पर फैलकर नालियों में बहता है। सीट और सीवर के मैनहोल गंदगी से भरे रहते हैं। पूरे क्षेत्र में भीषण दुर्गध हर समय फैली रहती है। ठहरना तो दूर यहां सांस ले पाना भी दूभर है। सबमर्सीबल खराब, पानी भी नहीं
शौचालयों में लगा सबमर्सीबल भी लंबे समय से खराब है। जिसके चलते यहां पानी भी नहीं मिलता। यहीं पर दस सीट वाला नया सामुदायिक शौचालय भी हाल ही में बनाया गया लेकिन इसमें भी गढ्डा नहीं बनाया गया। लिहाजा इसे अभी शुरू नहीं किया गया। सड़क नालियों में गंदगी, घरों में भरा गंदा पानी
मोहल्ले के हालात चिंताजनक है। सीवर लाइन बंद होने के कारण गंदा पानी घरों में ही भरा है। सड़क और नालियों में गंदगी फैली है। दुर्गध में लोगों का जीना दुश्वार है। यहां बीमारियां भी फैल रही हैं। नहीं सुन रहे निगम अफसर
युवा सेवा समिति अध्यक्ष बदर अली, समिति के बैनर पर ही पार्षद चुने गये अकरम शाह ने बताया कि निगम अफसरों से एक साल से शिकायतें की जा रही हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ पर भी शिकायत की गई। सोमवार को निगम में किये गये विरोध प्रदर्शन का एक मुद्दा यह भी था। अब निगम पर कौन करे कार्रवाई
शौचालय न बनाने पर जनता को एफआइआर और जुर्माने की धमकी देने वाला निगम खुद स्वच्छ भारत मिशन और खुले में शौच मुक्ति को पलीता लगा रहा है। अब निगम के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा? इन्होंने कहा--
सोमवार को यह प्रकरण हमारे संज्ञान में आया है। जिसका बुधवार को खुद निरीक्षण करके प्राथमिकता पर कार्रवाई कराई जाएगी।
-अमित सिंह, अपर नगर आयुक्त