आइए तो कर्फ्यू से तोड़ दें कोरोना की रीढ़
आज पहली बार कोरोना वायरस पर सामूहिक रूप से कोरोना वायरस पर वार होने वाला होगा। पहली बार मेरठ के साथ पूरा देश हमारी जिंदगी की गाड़ी को रोकने वाले कोरोना के खिलाफ पहली बार गंभीरता से लड़ेगा। तैयारी भी पूरी है।
मेरठ, जेएनएन। आज पहली बार कोरोना वायरस पर सामूहिक रूप से कोरोना वायरस पर वार होने वाला होगा। पहली बार मेरठ के साथ पूरा देश हमारी जिंदगी की गाड़ी को रोकने वाले कोरोना के खिलाफ पहली बार गंभीरता से लड़ेगा। तैयारी भी पूरी है। इसकी एक बड़ी वजह है। जानकारों के मुताबिक अगले 15 दिन कोरोना वायरस का अटैक और बढ़ सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि इन 15 दिनों में ही हमें खुद को बचाना होगा। अन्यथा इस स्थिति का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि नुकसान का स्तर क्या होगा। कोरोना वायरस से बचना मुश्किल होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में एक रिपोर्ट दी जिसमें बताया गया कि कोरोना वायरस से पीड़ित एक मरीज 2.6 लोगों को संक्रमित करता है। हालांकि बाद में अन्य संस्थाओं द्वारा यह संख्या चार तक बताई गई। फिर भी अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े को ही माने तो ऐसी स्थिति में एक महीने में 3500 लोग इसकी चपेट में आ जाएंगे। यदि एक दिन छोड़कर एक दिन लोग घर पर ही रहे तो मरीजों की संख्या मात्र तीन सौ ही रह जाएगी। ऐसे में एक दिन का भी आइसोलेशन एक बड़ा बचाव कर सकता है।
वैसे तो शनिवार को ही मेरठ की अधिकांश सड़कों पर सन्नाटा पसरा मिला। घंटाघर के आगे खैरनगर में भीड़ तो ठसाठस रही, लेकिन आबूलेन, सदर बाजार अजीब-सी खामोशी छाई थी। राजनीति और महंगाई की जगह सबकी जुबान पर कोरोना रेंगता मिला। हर कोई जानना चाहता है कि ये वायरस कितना खतरनाक है। कब तक रहेगा..गर्मी में टिकेगा या जाएगा। ऐसे कई प्रश्न न सिर्फ लोगों की जेहन में, बल्कि जुबान पर भी तैर रहे हैं। बच्चा पार्क जहां अक्सर जाम मिलता है, वहां भी सन्नाटा मिला। रोजाना गुलजार रहने वाला मॉल खुलने के बाद पहली बार बंद था। एक अजीब सी खामोशी थी, लेकिन यह खामोशी खिलखिलाते कल की होगी, इसी उम्मीद के साथ आम जनता रविवार को खुद को घरों में कैद कर जनता कर्फ्यू को सफल बनाने में जुट चुकी है।