Move to Jagran APP

तेंदुओं को बचाने के लिए हस्तिनापुर में पांच करोड़ की लागत से बनेगा रेस्क्यू केंद्र, उत्‍तर प्रदेश सरकार ने दी मंजूरी

दुर्घटना का शिकार होने वाले तेंदुओं को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है। हस्तिनापुर में पांच करोड़ रुपये की लागत से तेंदुआ रेस्क्यू केंद्र बनेगा। इस केंद्र में सात जिलों से पकड़े गए तेंदुओं को लाकर रखा जाएगा।

By Edited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 09:10 AM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 09:59 AM (IST)
तेंदुओं को बचाने के लिए हस्तिनापुर में पांच करोड़ की लागत से बनेगा रेस्क्यू केंद्र, उत्‍तर प्रदेश सरकार ने दी मंजूरी
हस्तिनापुर में बनेगा तेंदुआ रेस्‍क्‍यू केंद्र। (प्रतिकात्‍मक तस्‍वीर)

मेरठ, जेएनएन। गांवों में पहुंचकर दुर्घटना का शिकार होने वाले तेंदुओं को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया है। हस्तिनापुर में पांच करोड़ रुपये की लागत से तेंदुआ रेस्क्यू केंद्र बनेगा। सहारनपुर से अलीगढ़ तक सात जिलों में पकड़े गए तेंदुओं को इसी केंद्र में रखा जाएगा। इलाज करने के बाद पुन: जंगल में छोड़ दिया जाएगा। बता दें कि मेरठ के किठौर क्षेत्र में तीन तेंदुए देखे गए हैं। इन्हें पकड़ने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात किया गया है।

loksabha election banner

वन संरक्षक गंगा प्रसाद ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मेरठ, पीलीभीत, चित्रकूट, सोहागीबरवा और हस्तिनापुर में नया रेस्क्यू सेंटर बनाने की स्वीकृति दी है। मेरठ समेत पांच जिलों में 2073 वर्ग किमी. क्षेत्रफल से गुजरने वाली हस्तिनापुर वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी से हर साल तेंदुए भटककर मानव बस्तियों में पहुंच जाते हैं। इस बेल्ट में बिजनौर में सर्वाधिक तेंदुए हैं। तेंदुओं को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ने के दौरान कई बार इनके पंजे बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं। रेस्क्यू के दौरान घायल हुए तेंदुओं को चिड़ियाघरों में भेजा गया है। वन विभाग का प्रयास है कि तेंदुओं को सुरक्षित तरीके से जंगल में भेजा जाए। आगरा में पहले ही भालू का रेस्क्यू सेंटर बन चुका है। विभागीय रिपोर्ट बताती है कि प्रशिक्षित स्टाफ, ट्रैंकुलाइजिंग गन, बड़ा पिंजरा और पशु डाक्टरों की भी नियुक्ति होगी।

मेरठ में पिछले पांच साल में कई बार देखा जा चुका है। एक पखवाड़े बाद भी तेंदुए की दहशत से राहत नहीं पखवाड़ा बीतने के बावजूद भी फतेहपुर के ग्रामीणों को तेंदुए की दहशत से छुटकारा नहीं मिल पाया है। फतेहपुर में तेंदुआ पकड़ने के लिए वन विभाग का आपरेशन तेंदुआ जारी है, लेकिन विफलता के चलते लोगों में दहशत कम नहीं हो रही। हालांकि, दो दिन से तेंदुआ नजर नहीं आने पर वन विभाग के कर्मचारी राहत की सांस लेते दिख रहे है। वनविभाग कर्मचारियों का कयास है कि तेंदुआ स्थान बदल कर आगे बढ़ गया है।

डीएफओ राजेश कुमार का कहना कि पिछले दो दिन से तेंदुआ फतेहपुर के जंगल में नहीं दिखा है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता तेंदुआ चला गया। वन विभाग के कर्मचारी पिंजरे के साथ तेंदुए को पकड़ने के लिए तैनात हैं। आपरेशन जारी रहेगा। बता दें कि गत पखवाडे़ किठौर के फतेहपुर-भड़ोली के जंगल में तेंदुए दिखने का वीडियो वायरल हुआ था। सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची थी, लेकिन तेंदुए को पकड़ने में टीम नाकाम रही।

उधर, ग्रामीण जंगल जाने से तो बच ही रहे हैं। रात में पहरा लगाकर वे एक-दूसरे की सुरक्षा में जुटे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ दो दिन से दिख नहीं रहा है। लेकिन वह अब यहां से चला गया है, विभाग अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.