Meerut News: मेरठ में ट्रेंच विधि से गन्ने की लंबाई पहुंची 12 फीट, वजन में भी दो गुना तक बढ़ोतरी
Sugarcane News मेरठ के मवाना के जयसिंहपुर में प्रगतिशील किसान चंद्रहास राणा ने अपनाई ट्रेंच विधि। गन्ने के वजन में भी दो गुना तक वृद्धि। सीओएस 13235 प्रजाति के गन्ना की शानदार पैदावार। इससे अभी गन्ने के खेती को लेकर उम्मीदें और बढ़ी हैं।
विनय विश्वकर्मा, मेरठ। Meerut News पश्चिमी उत्तरप्रदेश को गन्ने की खेती के लिए शुगर बाउल के तौर पर जाना जाता है। आमतौर पर गन्ने की लंबाई आठ से दस फीट तक ही होती है। लेकिन जयसिंहपुर के प्रगतिशील किसान चंद्रहास राणा ने ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई करके शानदार खेती की है। उनके खेत में गन्ने की लंबाई 12 फीट तक पहुंच गई है। उन्होंने सीओएस 13235 प्रजाति का गन्ना बोया था।
वजन डेढ़ से तीन किलो तक
गन्ने की ऊंचाई अधिक होने के साथ गन्ने का वजन भी बढ़ गया है। सामान्य गन्ने में औसतन एक से डेढ़ किलो वजन होता है, जबकि ट्रेंच विधि से की गई बुवाई के बाद गन्ने का वजन डेढ़ से तीन किलो तक आ रहा है। अक्टूबर के अंत में चीनी मिल चलने तक गन्ने की ऊंचाई और वजन में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
क्या होती है ट्रेंच विधि
आमतौर पर सामान्य बुवाई में गन्ने की ऊंचाई आठ से दस फीट तक होती है और उसका वजन एक से डेढ़ किलो होता है। लेकिन ट्रेंच विधि से पैदा होने वाले गन्ने में ऊंचाई और वजन की शानदार अधिक होता है। सामान्य गन्ने की बुवाई बीज के बीच 27 इंच की दूरी रखी जाती है। लेकिन ट्रेंच विधि में गहरी नाली के साथ दो पंक्ति के बीच की दूरी बढ़ाकर पांच फीट यानि 60 इंच तक रखी जाती है।
किसानों को अच्छा बीज
इससे गन्ने की पैदावार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गन्ने की बीज पौधशाला में तैयार करने से वह स्वस्थ भी रहता है। जिले में कई ऐसे स्वयंसेवी सहायता समूह कार्यरत हैं, जो स्वस्थ गन्ने का बीज तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराते हैं। इससे किसानों को अच्छा बीज मिलता है और स्वयंसेवी सहायता समूह की महिलाओं रोजगार का अवसर।