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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की गोली का शिकार बने सहारनपुर के सगीर का शव सुपुर्द-ए-खाक, आतंकियों के खात्मे की मांग

पुलवामा में आतंकियों ने सहारनपुर के लकड़ी कारीगर सगीर की गोली मारकर की थी हत्या । सोमवार सुबह पांच बजे पहुंचा सगीर का शव लोगों का लग गया तांता । दोपहर करीब 12 बजे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:56 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की गोली का शिकार बने सहारनपुर के सगीर का शव सुपुर्द-ए-खाक, आतंकियों के खात्मे की मांग
सहारनपुर के सगीर का शव सुपुर्द ए खाक।

सहारनपुर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों द्वारा मारे गए सगीर अहमद का शव सोमवार सुबह पांच बजे सहारनपुर उनके घर पहुंचा। सगीर की बेटियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करना होगा। सेना को उनके पिता का बदला लेना चाहिए। स्वजन ने जिला प्रशासन से मुआवजा और नौकरी दिलाने की मांग की है। दोपहर करीब 12 बजे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

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यह है पूरा मामला

कुतुबशेर थानाक्षेत्र के मोहल्ला सराय हिसामुद्दीन निवासी सगीर अहमद पुत्र बूंदू पुलवामा में एक फैक्ट्री में लकड़ी कारीगर थे। 16 अक्टूबर को आतंकियों ने सगीर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसी शाम स्वजन को सूचना मिली। उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह गाड़ी किराए पर लेकर पुलवामा शव लेने जा सकें। जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराई गई कार से स्वजन और रिश्तेदार सगीर का शव लेने के लिए पुलवामा पहुंचे। उधर से शव को एंबुलेंस में लाया गया। सुबह शव पहुंचने पर सगीर के घर मोहल्ले के लोगों का तांता लग गया। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि आतंकी अब जाति धर्म कुछ नहीं देख रहे हैं। उन्हें जो भी गैर कश्मीरी मिल रहा है उसकी हत्या कर रहे हैं। इसलिए भारत सरकार को आतंकियों का खात्मा करना होगा। तभी वहां पर अमन चैन हो सकता है। अगर यही हालात रहे तो वहां कोई नौकरी या अपना काम धंधा करने के लिए नहीं जाएगा।

बेटी की करनी थी शादी, इसलिए गए थे नौकरी करने

सगीर के बेटे जहांगीर ने बताया कि उसकी चार बहन नजराना, आएशा, सीबा और सोबी है। सोबी को छोड़कर सभी की शादी हो चुकी है। सोबी की शादी के लिए वह बाड़मेर (राजस्थान) और पिता सगीर जम्मू-कश्मीर में नौकरी के लिए गए थे। उन्हें क्या पता था कि वहां पिता की हत्या हो जाएगी।

भाई को भी रोक रहीं बहनें, मत जाओ नौकरी करने

पिता की मौत से बेटियों के दिलों में दहशत है। सगीर की बेटियों का कहना है कि वह अपने इकलौते भाई जहांगीर को बाड़मेर में नौकरी नहीं करने देंगी। सहारनपुर में मजदूरी कर एक रोटी कम खा लेंगे।

इनका कहना है...

सगीर के शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस भी मौके पर मौजूद थी।

-राजेश कुमार, एसपी सिटी।

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