भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बोले- स्मार्ट मीटरों से तीन गुना बिल, जांच हो Meerut News
डॉक्टर लक्ष्मीकांत बापजेयी ने बिजली निगम पर स्मार्ट मीटरों में छेड़छाड़ करते हुए बिलों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। ऊर्जा मंत्री ने जांच की बात कही है।
मेरठ, जेएनएन। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बिजली निगम पर स्मार्ट मीटरों में छेड़छाड़ करते हुए बिलों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। इस पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट करते हुए जांच कराने के लिए कहा है। पत्र में बाजपेयी ने आशंका जताई है कि स्मार्ट मीटरों को टैंपर कर उपभोक्ताओं की जेब काटी गई है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट मीटरों के बिल का मिलान करने की भी चुनौती दी है।
चाइनीज मीटर बढ़ा रहा बिल
डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने गत दिनों प्रदेश से पावर कारपोरेशन की पड़ताल करने एमएलसी डा. जयपाल सिंह व्यस्त के नेतृत्व में मेरठ आई विधान परिषद समिति को रिपोर्ट देकर बताया था कि 2002 में इलेक्ट्रानिक मीटर और 2006 में चाइनीज मीटर लगाए गए थे। इलेक्ट्रानिक मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर का बिल ढाई से तीन गुना तक आ रहा है। बाजपेयी ने कहा कि माह के अंतिम दस दिन के इलेक्ट्रानिक मीटर का और अंतिम दस दिन के स्मार्ट मीटर के बिल का मिलान किया जाए, तो सच सामने आ जाएगा।
सवाल उठाया कि निगम घाटे में क्यों
शिकायत पत्र में कहा है कि बिजली विभाग रेड डालकर उपभोक्ता के सामने मीटर खोलता है और इसमें शंट बता देता है। इसमें विलंब कर विभाग लेनदेन की ओर तरफ बढ़ता है। ऐसे में मीटर खोलने के दौरान उपभोक्ताओं को एक तकनीक संपन्न व्यक्ति उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे मीटर में छेड़छाड़ रोकी जा सके। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने प्रश्न किया कि इतने राजस्व के बाद भी आखिर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम घाटे में क्यों है?
ऊर्जा मंत्री को भेजा लेटर
इसी के साथ बाजपेयी ने ऊर्जा मंत्री को भी रिपोर्ट भेज दी थी। बाजपेयी ने समिति के बहाने बिजली विभाग से पूछा है कि इलेक्ट्रानिक और चाइनीज मीटर लगाने का क्या कारण था? स्मार्ट मीटर लगाने का औचित्य एवं भविष्य में प्री-पेड मीटर लगाने को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उधर, ऊर्जा मंत्री ने डा. लक्ष्मीकांत को जांच का भरोसा देते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।