सेना में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, उत्तराखंड के डीजी ने आइजी को लिखा पत्र Meerut News
उत्तराखंड के डीजी कानून व्यवस्था के गांव में ठगी का मामला आया है। सेना में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला आरोपित मेरठ का है। आरोपित के तीन साथी भी इसमें शामिल हैं।
मेरठ, [अभिषेक कौशिक]। उत्तराखंड के डीजी कानून व्यवस्था के गांव में ठगी का मामला आया है। सेना में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला आरोपित मेरठ का है, जिसने अपने तीन साथियों की मदद से डीजी के गांव के लोगों से लाखों रुपये ठगे हैं। उनको इंटरव्यू लेटर और नियुक्ति पत्र भी सौंप दिया था, जब वह पते पर पहुंचे तो उनको ठगी का अहसास हुआ। उनकी शिकायत पर डीजी ने मेरठ रेंज के आइजी को पत्र लिखा है।
इस तरह की गई धोखाधड़ी
पानीपत के कुराना गांव निवासी बलवान सिंह ने बताया कि 2016 में मेरठ निवासी एक व्यक्ति तीन लोगों के साथ गांव पहुंचा। उसने बताया कि वह सेना में कर्नल है। उसका एक साथी डॉक्टर और एक सहायक अधिकारी है। उसने गांव में कैंप लगाकर लोगों से उनके बच्चों को सेना में भर्ती कराने के लिए कहा। इसके लिए उसने लड़कों और लड़कियों की नाप-तौल और मेडिकल किया। 14-15 लोगों से दो लाख रुपये प्रति नौकरी की बात तय हुई। बलवान सिंह ने बताया कि उन्होंने दो बेटों और एक बेटी के नाम पर छह लाख रुपये उसे दे दिए। इसके अलावा अन्य लोगों ने भी विश्वास में आकर रुपये दिए।
डीजी से भी मिले
पीड़ित ने बताया कि स्थानीय पुलिस के सहयोग नहीं करने पर कुछ दिन पूर्व ही वह गांव के कई लोगों के साथ देहरादून में डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार से मिले थे। उनसे कार्रवाई की मांग की थी। इस पर उन्होंने मेरठ रेंज के आइजी को पत्र लिखा था। डीजी अशोक कुमार का कहना है कि गांव के कुछ लोग सेना में नौकरी के नाम पर हुई ठगी के मामले में उनसे मिले थे। उन्होंने मेरठ रेंज के आइजी को पत्र लिखा है।
इंटरव्यू लेटर से नियुक्ति पत्र तक फर्जी
पीड़ित ने बताया कि आरोपितों ने बकायदा नौकरी का एक पंफलेट भी छपवा रखा था। उसमें दिल्ली में एमईएस (मीटर रीडर एवं चपरासी) के लिए आवेदन करना था। लड़के लड़कियों की दिल्ली में कोचिंग भी कराई, ताकि किसी को शक भी ना हो। परीक्षा भी करा दी थी। इसके बाद इंटरव्यू लेटर से लेकर नियुक्ति पत्र भी दे दिए। नियुक्ति पत्र को लेकर जब वे दिल्ली पहुंचे तो उनको ठगी का अहसास हुआ।