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पंचामृत से हुआ लड्डू गोपाल का अभिषेक

भैंसाली मैदान में रविवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस्कान के अनुयायियों ने पंचामृत से लड्डू गोपाल का अभिषेक किया। दिन में बारिश होने से हालांकि मैदान में कीचड़ हो जाने से भक्तों को असुविधा का सामना करना पड़ा लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 09:00 AM (IST)
पंचामृत से हुआ लड्डू गोपाल का अभिषेक
पंचामृत से हुआ लड्डू गोपाल का अभिषेक

मेरठ । भैंसाली मैदान में रविवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस्कान के अनुयायियों ने पंचामृत से लड्डू गोपाल का अभिषेक किया। दिन में बारिश होने से हालांकि मैदान में कीचड़ हो जाने से भक्तों को असुविधा का सामना करना पड़ा लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आई। रामायण टीवी सीरियल में राम का किरदार निभा चुके, अरुण गोविल ने राम और रावण के संवाद से भक्तों को मंत्रमुग्ध किया। रणभूमि में जब हनुमान जी रावण का रथ तोड़ देते हैं तो उसे धरती पर उतरना पड़ता है। ऐसे समय में राम कहते हैं कि रघुकुल के वंशज कभी निहत्थे पर वार नहीं करते इसलिए मैं तुम्हें (रावण) छोड़ता हूं। अरुण गोविल के संवाद पर जमकर तालियां बजी। रात 12 बजे जन्मोत्सव के बाद माखन मिश्री का प्रसाद बांटा गया। अक्रूर महाराज, एसपी सिटी रणविजय सिंह, अरविंद अग्रवाल, रूपवानदास, रामकुमार शर्मा, कपिल सिंघल, आशीष अग्रवाल, योगेश चावला, डा. विदुषी त्यागी, पूजा बंसल विपिन गर्ग, अनिल आदि मौजूद रहे।

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मंदिरों में हुई लाइटों और फूलों की भव्य सजावट

मेरठ। भगवान कृष्ण का अवतरण दिवस रविवार को भक्ति और उत्साह से मना। लाइटों से जगमगाते मंदिरों और कृष्ण जन्म की झांकियों ने मनमोह लिया। शाम होते ही दर्शनार्थियों की भीड़ मंदिरों में उमड़नी शुरु हो गई। आधी रात को जन्म के समय हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल के जयघोष से मंदिर गूंज उठे। माखन मिश्री का भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरित हुआ।

जन्माष्टमी के पर्व पर भक्तों ने व्रत रखा। रात में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद व्रत का पारण किया। ज्योतिषविद् अनुराधा गोयल ने बताया कि कई मंदिरों और भक्त तीन सितंबर को भी जन्माष्टमी पर्व मनाएंगे।

औघड़नाथ मंदिर में जन्माष्टमी पर्व पर विशेष आयोजन किया गया। भक्तों की भीड़ के चलते प्रवेश गरुड़ द्वार से हुआ। लाइटों के माध्यम से कृष्ण जन्म की झांकी दिखाई गई। दर्शन एकेडमी से मंदिर के मुख्य द्वार के दोनो ओर लाइटों के तोरण द्वार लगाए गए। जिनमें जेल में कृष्ण जन्म, देवकी को विष्णु के चतुर्भुजी स्वरूप में दर्शन, वासुदेव द्वारा कृष्ण को नंद गांव ले जाना, माखन चोरी, कंस के साथ मल युद्ध जैसे दृश्य दर्शाए गए। शुभता के सूचक हाथी, मोर ओर पक्षियों की आकृति भी तोरण द्वारों में दिखाई गई। रात 11.28 बजे कान्हा के विग्रह को पंचामृत से अभिषेक करा कराया गया। इसके बाद चांदी की पालकी में बैठा कर मंडप में रखे चांदी के झूले पर विराजमान कराया गया। 12 बजे ढोल नंगाड़ों के साथ हुई महाआरती के समय सैकड़ों की संख्या में भक्त मौजूद रहे।

शहर सर्राफा बाजार स्थित मंदिर महादेव में कृष्ण लीला का मंचन हुआ। यहां पारंपरिक रूप में भगवान कृष्ण अपनी छह सखियों के साथ विराजे। शिव लिंग पर भी भव्य मुकुट सजाया गया।

सनातन धर्म धर्मेश्वर महादेव मंदिर में भी कृष्ण लीला मंचन हुआ। रात आठ बजे आरंभ हुए कार्यक्रम का आनंद भक्तों ने रात 11.30 बजे तक लिया। शिव लिंग पर स्वर्ण मंडप आरूढ़ कराया गया। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि सोमवार को भी कृष्ण लीला का मंचन होगा।

नवीन मंडी स्थित मंदिर और केसर गंज स्थित महानागेश्वर शिव मंदिर में आकर्षक सजावट हुई। महानागेश्वर मंदिर में खाटू श्याम बाबा की झांकी सजाई गई।

शहर लाला के बाजार स्थित कृष्ण गली में आकर्षक झांकियां सजाई गई। धानेश्वर चौक स्थित धानेश्वर मंदिर में अष्टधातु के कान्हा के विग्रह और उनकी अष्ट सखियों की झांकी सजाई गई। पंचामृत से अभिषेक कर भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाया गया।

साकेत शिव मंदिर में स्थानीय भक्तों ने जन्माष्टमी पर्व मनाया। न्यू मोहनपुरी स्थित दयालेश्वर महादेव मंदिर में भी कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।


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