Move to Jagran APP

क्षमा भूषण महाराज ने मवाना में त्यागी देह, अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का लगा जमवाड़ा Meerut News

मेरठ में जैन धर्मस्थली में साधनारत रहकर धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे ऐलाचार्य क्षमा भूषण महाराज ने मंगलवार सुबह देह त्याग दिया । उनके अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का जमवाड़ा लग गया और मंगल आर्शीवाद लिया ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 02:40 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 02:40 PM (IST)
क्षमा भूषण महाराज ने मवाना में त्यागी देह, अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का लगा जमवाड़ा Meerut News
क्षमा भूषण महाराज ने मवाना में त्यागी देह

मेरठ, जेएनएन। नगर स्थित जैन धर्मस्थली में साधनारत रहकर धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे ऐलाचार्य क्षमा भूषण महाराज ने मंगलवार सुबह देह त्याग दिया। उनके अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का जमवाड़ा लग गया और मंगल आर्शीवाद लिया। नगर से शुरू हुई अंतिम यात्रा मेरठ रोड स्थित राफन चौराहे के पास विजय जैन के फार्म हाउस पर पहुंची। जहां अंतिम संस्कार किया गया और मुख्याग्नि राजेंद्र जैन ने दी।

loksabha election banner

बड़ौत में जन्में थे क्षमा भूषण महाराज

आचार्य भारत भूषण महाराज ने बताया कि क्षमा भूषण महाराज का जन्म बड़ौत के गांव बड़ौली में हुअा था, लेकिन बाद स्वजन परिवार सहित गाजियाबाद में आकर बस गए थे। यहां वे आडिटर के पद पर कार्यरत रहे और गृहस्थ आश्रम का पालन किया। साथ ही दिगम्बर जैन मंदिर गाजियाबाद में मंत्री पद पर रहकर भक्ति भाव से आचार्य धर्मभूषण की सेवा की। काफी समय गृहस्थ आश्रम में रहने के बाद वानप्रस्थ आश्रम का वृत लेकर गृहस्थ त्याग दिया। इसके बाद भक्ति से प्रसन्न होकर गुरू धर्मभूषण महाराज ने उन्हें हस्तिनापुर तीर्थ क्षेत्र प्रथम निशिया में क्षुल्लक दीक्षा दी और बाद में दिगम्बर जैन मुनि की दीक्षा प्रदान की। इसके बाद रामपुर मनिहारन में ऐलाचार्य क्षमा भूषण महाराज के नाम से अलंकृत किया। तभी से वे समाज की सेवा एवं धर्म के प्रचार प्रसार में लगे हुए थे।

पिछले वर्ष से मवाना में थे प्रवास पर

हस्तिनापुर में ऐलाचार्य क्षमा भूषण महाराज काफी समय रहे और उसके बाद विहार कर पिछले वर्ष मवाना आ गए। जैनधर्मस्थली में रहकर साधना के साथ धर्मप्रचार में रहे। कई दिनों से उन्होंने आहर खाना छोड़ रखा था लेकिन चेहरे का तेज कम नहीं हुआ था। हस्तिनापुर समेत कई स्थानों पर भी रहकर धर्मप्रचार से जुड़े रहे।

अंतिम समय में ये लोग रहे मौजूद

क्षमाभूषण महाराज के अंतिम समय में उनके बेटे राजकुमार जैन, दीपक जैन, आचार्य भारत भूषण, आचार्य भाव भूषण महाराज, आदेश जैन, सुरेंद्र कुमार जैन, विनय जैन, मुकेश जैन, आशीष जैन, अक्षय जैन, शुभम जैन, अजय कुमार जैन, राजीव जैन समेत समाज के लोग मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.