स्नेह के पर्व पर टूटीं कोविड-19 की बंदिशें
वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते चार माह के लंबे अंतराल के बाद पहली बार सोमवार को रक्षाबंधन व ईद के स्नेहभरे रिवाजों के समक्ष बंदिशें टूटती दिखाई दीं।
जेएनएन, मेरठ। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते चार माह के लंबे अंतराल के बाद पहली बार सोमवार को रक्षाबंधन व ईद के स्नेहभरे रिवाजों के समक्ष बंदिशें टूटती दिखाई दीं। बहनें जहां भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने के लिए घरों से निकलीं, वहीं दूसरी ओर अपनों को ईद की मुबारकबाद देने के लिए मुस्लिम भाई भी एक-दूजे के घर पहुंचे। नतीजतन, सुबह से देररात तक हाईवे वाहनों की आवाजाही व हॉर्न की आवाजों से गूंजता रहा।
कोविड-19 की चेन तोड़ने के लिए सबसे पहले 22 मार्च को देश में जनता कर्फ्यू लगा। बाद में यहीं से लोकडाउन का दौर शुरू हो गया। जनपद की सीमाएं सील हो गई और घरों में रहने की बंदिशें भी लागू हो गईं। जून में अनलॉक-1 और उसके बाद अनलॉक-2 से कुछ राहत तो मिली, लेकिन जनपद के 80 फीसद लोग ऐसे थे, जो कोविड-19 के खौफ व संसाधन के अभाव में अपनों से मिलने से दूर रहे। अनलॉक-3 शुरू हुआ और रक्षाबंधन पर बहनों के लिए बसों में फ्री यात्रा का ऑफर मिला तो सोमवार को वे बंदिशें तोड़कर बाहर आ गई। मवाना के आदेश शर्मा, आशु व आयुष आदि ने बताया उनकी बहनें राखी बांधने घर आई है, जबकि ईद पर बंदिशों के चलते अपनों से नहीं मिल पाने वाले भी छूट मिलते ही सड़कों पर उतर आए। ऐसे में कोरोना की बंदिशें व खौफ का साया टूटता दिखाई दिया।
जो बसें कल तक थी खाली.. वे हुई फुल
लॉकडाउन के बाद शुरू हुए अनलॉक के दौरान रोडवेज व निजी बसें खाली सड़कों पर दौड़ रही थी, सोमवार को यह मिथक टूटता नजर आया। मवाना रोडवेज बस स्टैंड समेत अन्य स्थान थाना तिराहा, सुभाष चौक, किला बस स्टैंड समेत अन्य स्थानों पर यात्री सुबह से ही बस के इंतजार में खड़े दिखाई दिए। रोडवेज बस स्टैंड के इंचार्ज वीआई भारद्वाज ने बताया रोडवेज ने यात्रियों की संख्या को देखते हुए बसों की संख्या बढ़ा दी थी।