15 सितंबर तक मिलेगा वैदिक भाषा संस्कृत का ज्ञान
संस्कृत भाषा अन्य भाषाओं की भी जननी मानी जाती है। इसीलिए लोगों को अपनी संस्कृति जानने के लिए संस्कृत सीखने की जरूरत है। संस्कृत के प्रसार व संस्कृत का ज्ञान देने के लिए संस्कृत भारती मेरठ प्रांत की ओर से 15 सितंबर तक आनलाइन कक्षा आयोजित की है।
मेरठ, जेएनएन। संस्कृत भाषा अन्य भाषाओं की भी जननी मानी जाती है। इसीलिए लोगों को अपनी संस्कृति जानने के लिए संस्कृत सीखने की जरूरत है। संस्कृत के प्रसार व संस्कृत का ज्ञान देने के लिए संस्कृत भारती मेरठ प्रांत की ओर से 15 सितंबर तक आनलाइन कक्षा आयोजित की है। मेरठ महानगर में 213 लोगों के पंजीकरण हो चुके हैं।
महानगर में शुक्रवार को चली पहली कक्षा में करीब 90 लोग जुड़े। इन्हें शिक्षक मनेंद्र आर्य ने कार, आलू, घर आदि के संस्कृत शब्दों से परिचित करवाया। मेरठ महानगर के विभाग संगठन मंत्री गौरव शास्त्री ने बताया कि संस्कृत की प्रतिदिन दो कक्षाएं चलाई जाएंगी। जिसमें पहली कक्षा दोपहर दो से तीन बजे और दूसरी कक्षा तीन से चार तक आयोजित की जा रही है। कक्षाओं की शुरुआत मंगलाचरण से हुई।
स्नातक में 41 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन : चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कालेजों में संचालित स्नातक प्रथम वर्ष के विभिन्न कोर्स में प्रवेश के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन चल रहा है। शुक्रवार देर शाम तक 41 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इस सत्र से विवि परिसर में बीए, बीएससी के कोर्स शुरू किए गए हैं, जिनमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीए, बीबीए, बीबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, बीसीए, बीकाम, बीएफए, बीजेएमसी, बीपीईएस, बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीएससी माइक्रोबायोलाजी, बीएससी आनर्स कंप्यूटर साइंस, बीएससी बायोटेक्नोलाजी, बीएससी केमिस्ट्री आनर्स, बीएससी फूड माइक्रोबायोलाजी, बीएससी होम साइंस, बीवाक एयरलाइन टूरिज्म, बीवाक मेडिकल लैब एंड मोलकुलर, बीवाक योग और बीएससी एजी आनर्स में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहा है।