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घर के पास चाहिए ट्रेनिंग..खेलो इंडिया है ना

खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत देश के उभरते खिलाड़ियों को आíथक मदद और उम्दा प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 08:00 AM (IST)
घर के पास चाहिए ट्रेनिंग..खेलो इंडिया है ना
घर के पास चाहिए ट्रेनिंग..खेलो इंडिया है ना

मेरठ, जेएनएन। खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत देश के उभरते खिलाड़ियों को आíथक मदद और उम्दा प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक इन खिलाड़ियों को दूर के शहरों में प्रशिक्षण के लिए जाना पड़ता था, लेकिन भारत सरकार अब खिलाड़ियों को घर के निकट ही ट्रेनिग की व्यवस्था कर रही है। योजना के अंतर्गत हर जिलों में विभिन्न खेलों के लिए खेलो इंडिया ट्रेनिग सेंटर खोले जा रहे हैं। इसमें जिस क्षेत्र में जो खेल सबसे अधिक प्रचलित है, वहां उस खेल के लिए ट्रेनिग सेंटर खोले जा रहे हैं।

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हर खिलाड़ी पर पांच लाख

खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत एक खिलाड़ी पर एक साल में पांच लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। जिसमें 20 फीसद धनराशि खिलाड़ी को निजी खर्च के लिए मिलता है, जबकि शेष धनराशि उनकी ट्रेनिग व डायट पर खर्च होता है। यह धनराशि खिलाड़ियों के लिए पंजीकृत प्रशिक्षण केंद्र को दिए जाते हैं। हर जिले में ट्रेनिग सेंटर खुलने से संबंधित खेल के खिलाड़ी अब अपने ही शहर या जिले में प्रशिक्षण कर सकेंगे। इस बाबत कुल एक हजार ट्रेनिग सेंटर खोले जाने हैं। प्राथमिक चरण में तीन सौ सेंटर खुल रहे हैं। इन ट्रेनिग सेंटर्स पर पूर्व में चैंपियन रहे खिलाड़ियों को ही कोच के तौर पर नियुक्त किया जा रहा है, जिससे पूर्व खिलाड़ियों को रोजगार और उभरते खिलाड़ियों को चैंपियनों का मार्गदर्शन भी मिल सके।

खोले जा रहे सेंटर आफ एक्सीलेंस भी

ओलंपिक गेम्स के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के उद्देश्य से विभिन्न राज्यों में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर आफ एक्सीलेंस भी खोले जा रहे हैं। प्राथमिक तौर पर ये एक्सीलेंस सेंटर आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पुंडुचेरी और त्रिपुरा में शुरू किए गए हैं। यहां 15 खेलों को शामिल किया गया है। इनमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिटन, बाक्सिग, साइक्लिग, फेंसिग, हाकी, जूडो, रोइंग, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल-टेनिस, भारोत्तोलन और कुश्ती शामिल हैं।

खिलाड़ियों को मिलेगा लाभ

कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में उपक्रीड़ा अधिकारी और बाक्सिग कोच भूपेंद्र सिंह के अनुसार जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र बनने से खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा। खिलाड़ी अपने घर पर रहते हुए ट्रेनिग कर सकते हैं और पढ़ाई भी जारी रख सकते हैं। अपने माहौल में खिलाड़ी सहज महसूस करते हैं।


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