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करवाचौथ : छुप गया बदली में जाकर चांद भी शरमा गया

छुप गए सारे तारे बादलों में छुप गए.. करवाचौथ पर चंद्रमा की प्रतीक्षा कर रहीं विवाहिताओं को निराशा हाथ लगी। रविवार शाम से ही तेज बारिश के कारण चंद्रमा बादलों में छिपा रहा। सुहागिन महिलाओं ने बिना चंद्रदर्शन किए ही पूजन के बाद पति के पैर छूकर व्रत खोला। हालांकि चंद्रोदय का समय रात 8.11 बजे का था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 08:44 AM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 08:44 AM (IST)
करवाचौथ : छुप गया बदली में जाकर चांद भी शरमा गया
करवाचौथ : छुप गया बदली में जाकर चांद भी शरमा गया

मेरठ, जेएनएन। छुप गए सारे तारे बादलों में छुप गए.. करवाचौथ पर चंद्रमा की प्रतीक्षा कर रहीं विवाहिताओं को निराशा हाथ लगी। रविवार शाम से ही तेज बारिश के कारण चंद्रमा बादलों में छिपा रहा। सुहागिन महिलाओं ने बिना चंद्रदर्शन किए ही पूजन के बाद पति के पैर छूकर व्रत खोला। हालांकि चंद्रोदय का समय रात 8.11 बजे का था।

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इससे पहले सोलह सिंगार कर महिलाओं ने कालोनी के मंदिर, पार्क और घरों में एकत्रित होकर करवा माता की कथा सुनी और करवाचौथ गीत वीरा कुड़िए करवडा सर्व सुहागन करवडा ए कट्टी नया टेरी नी खुम्ब चरखा फेरी भी.. सुनते हुए आपस में सात बार थाली बदली। पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए सुहागिन महिलाओं ने अखंड सौभाग्य के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखा। व्रत की शुरुआत सुबह 4 बजे सरगी खाकर की। शाम को एकत्रित होकर महिलाओं ने कथा सुनकर सास ससुर के लिए कपड़े, रुपये और मिठाई का बायना निकाला और उनसे सदा सुहागिन होने का आशीर्वाद लिया। मंदिर में एकत्रित होकर सुनी कथा

दिल्ली रोड पर सुपरटेक पामग्रीन सोसायटी स्थित मंदिर में पंडित कौशल वत्स ने महिलाओं को दस समूहों में बांटकर कथा सुनाई और सात बार थाली बदलवाई। उन्होंने बताया कि सात बार थाली बदलने का महत्व सात फेरों और सात जन्म के साथ जुड़ा हुआ है। इसमें सुहागिन महिलाएं थाली घुमाते समय पति का सात जन्मों तक साथ निभाने की कामना करती हैं। इस बार चंद्रमा दिखाई न देने की स्थिति में महिलाओं ने पूर्व दिशा की ओर अ‌र्घ्य देकर पूजन किया और व्रत खोला।

पार्क में कथा सुनकर खेला तंबोला

शताब्दी नगर स्थित वृंदावन एंक्लेव में महिलाओं ने पार्क में एकत्रित होकर करवाचौथ माता की कथा सुनी और इसके बाद करवाचौथ के गीतों पर नृत्य करते हुए धूमधाम से पर्व मनाया। समय बिताने के लिए तंबोला और कई रोचक गेम्स भी खेले। इसके अलावा देवपुरी, पंचवटी कालोनी, जागृति विहार, शास्त्री नगर, साकेत और अन्य कालोनी के पार्क में भी महिलाओं ने एकत्रित होकर करवाचौथ की कथा सुनी और हर्षोल्लास से पर्व मनाया।


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