बवाल प्रकरण की हो न्यायिक जांच, पीड़ितों को मिले मुआवजा: जयंत
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी गुपचुप तरीके से गुरुवार को मुजफ्फरनगर और मेरठ में हिसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे। रालोद के स्थानीय पदाधिकारियों को भी इसकी भनक उनके वहां से लौटने के बाद ही लगी। इसके बाद साकेत स्थित पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा के आवास पर प्रेस वार्ता की और बवाल प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग उठाई।।
मेरठ, जेएनएन। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी गुपचुप तरीके से गुरुवार को मुजफ्फरनगर और मेरठ में हिसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे। रालोद के स्थानीय पदाधिकारियों को भी इसकी भनक उनके वहां से लौटने के बाद ही लगी। इसके बाद साकेत स्थित पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा के आवास पर प्रेस वार्ता की और बवाल प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग उठाई। राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव जयंत चौधरी ने बवाल से निपटने के पुलिस के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाया। कहा कि मुजफ्फरनगर और मेरठ दोनों जगह ऐसे लोग गोली का शिकार हुए हैं, जो बेहद गरीब हैं।
जयंत चौधरी ने कहा कि वह बलवा करने वालों के हिमायती नहीं हैं, लेकिन निर्दोष को दोषी करार देकर दुकानें सील करना और आरोपितों की संपत्ति से नुकसान की वसूली करना गलत है। कहा कि नागरिकता संशोधन कानून वास्तव में कारतूस है आने वाला कानून एनआरसी एक रिवॉल्वर की तरह होगा। पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्धिकी ने कहा कि अधिकांश फोटो जो चस्पा किए जा रहे हैं, पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए दूसरों पर आरोप मढ़ रही है। इस दौरान राजेंद्र शर्मा, जिलाध्यक्ष राहुल देव, यशवीर सिंह, राजकुमार सांगवान, सुभाष गुर्जर, विनय मल्लापुर, नरेंद्र खजूरी, संजय चौधरी, योगेश फौजी, सोहराब ग्यास, सलीम सिद्दिकी, हाजी मोइनुद्दीन आदि मौजूद रहे।
बोले, पहले पुलिस ने रोक लिया था..इसलिए ऐसे आना पड़ा
पुलिस प्रशासन ने बुधवार को जयंत चौधरी को मुजफ्फरनगर और वहां से लौटते समय टोल प्लाजा पर रोक लिया गया था। गुरुवार को वह दिल्ली से शाहिद सिद्दिकी के साथ सीधे मुजफ्फरनगर में पीड़ित परिवारों से मिलने मीनाक्षी चौक, भूसा मंडी पहुंचे। वहां से लौटते समय पूर्व मंत्री डा. मेराजजुद्दीन और सुनील रोहटा के साथ लिसाड़ी रोड और मिंया मोहम्मद नगर में मृतक अलीम, मोहसिन, आरिफ के घर पहुंचे। जयंत ने कहा कि बुधवार को उन्हें पुलिस ने रोक दिया था, इसलिए उन्हें इस तरह आना पड़ा।