आयुर्वेद के आगे घुटने टेक रहा जोड़ों का दर्द
रूमेटाइड आर्थराइटिस-जोड़ों में दर्द की जटिल बीमारी के मरीजों पर शोध में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं।
संतोष शुक्ल, मेरठ। रूमेटाइड आर्थराइटिस-जोड़ों में दर्द की जटिल बीमारी के मरीजों पर शोध में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। पंचकर्म चिकित्सा से माहभर में मरीजों के रूमेटाइड फैक्टर में भारी कमी आई। दर्द निवारक एवं स्टेरायड दवाओं के सेवन से भी निजात मिल गई। मरीजों के पाचन को विशेष रूप से दुरुस्त रखा गया।
दर्द निवारक व स्टेरायड से निजात
महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. चंद्रचूड़ मिश्रा ने बताया कि आर्थराइटिस को आयुर्वेद में इसे आमवात कहा गया है। डा. मिश्रा एवं पंचकर्म विभाग की डा. निधि शर्मा ने रूमेटाइड आर्थराइटिस के 15 मरीजों पर शोध किया। आयुर्वेदिक पुस्तक चक्रदत्त में वर्णित सूत्रों पंचकर्म, आहार विधान एवं दवाओं से इलाज किया गया। 15 दिन में मरीजों ने दर्द निवारक एवं स्टेरायड लेना बंद कर दिया। 30 साल की एक महिला की सितंबर में रूमेटाइरू ड फैक्टर की जांच 154 मिला, जबकि माहभर बाद सिर्फ 124 रह गया। यह शोधपत्र इंटरनेशनल आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल में छपेगा। यूं चला इलाज का विज्ञान
मरीजों को स्नेहन कर्म यानी शरीर के अंदर का सूखापन खत्म करने के लिए मालिश व मेडिकेटेड घी व तेल की सात दिन तक डोज दी गई। इसके बाद विरेचन से कोष्ठ शुद्धि यानी आहारनाल से मल तक प्रदूषण को साफ किया गया। इसके बाद आहार विधान के जरिए तरल से भारी खानपान की ओर बढ़ा गया।
- शरीर में आमवात खत्म करने के लिए अरंड के तेल का प्रयोग किया गया। इससे दर्द खत्म होने के साथ ही आंतों को नरम रखा गया।
- आयुर्वेद के चक्रदत्त में वर्णित क्षार वस्ति यानी गुड़, सेंधा नमक, गोमूत्र, इमली व सौंफ व अन्य दवाओं को एनीमा की तरह दिया गया। ये शूलनाशक व कब्जनाशक हैं।
- सोंठ व जीरा देकर पाचन को दुरुस्त रखा गया।
- दही, उड़द की दाल व ठंडे पानी के सेवन को वर्जित रखा गया।
- तांबे के बर्तन में रखे पानी को गरम कर पीने के लिए दिया गया। इससे कब्ज का इलाज होता है। गुनगुना पानी भी पाचन में सहायक है।
इन्होंने कहा..
- रूमेटाइड आर्थराइटिस में आयुर्वेद बेहद कारगर है। मैं मरीजों को महायोगराज गुग्गुल, महारास्नादि काढ़ा व वृहतवात चिंतामणि रस दे रहा हूं। इसके बेहतर परिणाम हैं।
- डा. संजय जैन, वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन।