जैन समाज ने रथ यात्रा से किदया अहिसा परमो धर्म का संदेश
जैन समाज की वार्षिक भव्य रथयात्रा रविवार को श्रद्धाभाव से निकाली गई। इसमें ऐरावत हाथी का रथ आकर्षण का मुख्य केंद्र था। श्री पंचायती मंदिर आनंदपुरी में सुबह इंद्रों ने भगवान महावीर की मूर्ति को पांडुकशिला पर विराजमान किया।
मेरठ। जैन समाज की वार्षिक भव्य रथयात्रा रविवार को श्रद्धाभाव से निकाली गई। इसमें ऐरावत हाथी का रथ आकर्षण का मुख्य केंद्र था। श्री पंचायती मंदिर आनंदपुरी में सुबह इंद्रों ने भगवान महावीर की मूर्ति को पांडुकशिला पर विराजमान किया।
इसमें नव देवता, पार्श्वनाथ भगवान पंच मेरू नंदीश्वर द्वीप की पूजाएं की गई। महाअष्टानिका पर्व पर कर्मदहन महामंडल विधान किया गया। श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर से सुबह दस बजे भव्य रथयात्रा शुरू हुई। इसमें घोड़े वाले स्वर्ण रथ पर श्री महावीर भगवान की मूर्ति को लेकर बैठने का सौभाग्य पंकज जैन को मिला। सारथी पंकज जैन, कुबेर लकी जैन, रथ पर दाएं इंद्र सतेंद्र जैन और बाएं इंद्र का सौभाग्य मुकेश जैन को मिला। हाथी वाले रथ पर जिनवाणी मां को लेकर ब्रजबाला आनंद जैन, सारथी सर्वेश जैन, कुबेर सुधीर जैन, पांच घोड़ा बग्गियों में बैठने का सौभाग्य योगेश जैन, मुकेश जैन, अरुण जैन, सेनसन परिवार और अभिषेक जैन को मिला।
रथयात्रा आनंदपुरी से चलकर जैननगर, प्रेमपुरी, शांतिनगर अंकुर एंक्लेव से होती हुई जैन बोर्डिग हाउस के हॉल में पहुंची। वहां इंद्रों ने भगवान स्वामी की मूर्ति को पांडुक शिला पर विराजमान कर जलाभिषेक किया। इस दौरान संगीतमय पूजा की गई।
रथयात्रा धर्म प्रभावना का अंग
विधानाचार्य पारस जैन शास्त्री ने रथयात्रा के महत्व को बताते हुए कहा कि सम्यक दर्शन का आठवां अंग धर्म प्रभावना का है। रथयात्रा भी धर्म प्रभावना का ही एक अंग है। संगीतकार और गायक विकी अलबेला की धार्मिक धुनों पर श्रद्धालु खूब नाचे। मुनि संघ प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि रथयात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। पूजा के बाद रथयात्रा जैन बोर्डिग हाउस से आनंदपुरी जैन मंदिर पहुंची, जहां श्री जी का अभिषेक कर पूजा की और महावीर भगवान की प्रतिमा को वेदी पर विराजमान किया गया। इस दौरान सुरेंद्र जैन, उमेश जैन, वीरसैन जैन, शैलेंद्र जैन, प्रमोद जैन, तरस जैन, अनिल जैन, मनीष जैन, प्रदीप जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।