बात पते की : गंगा पर न करें राजनीति, शहर की विकास योजनाओं को अब मिली गति Meerut News
सरकार ने मेरठ से लेकर प्रयागराज तक गंगा मां के साथ सफर कराने की योजना बनाई है। लेकिन सरकार की चिंता स्थानीय पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि हैं जिन्होंने राजनीति शुरू कर दी है।
मेरठ, [अनुज शर्मा]। Jagran Special सरकार ने मेरठ से लेकर प्रयागराज तक गंगा मां के साथ सफर कराने की योजना बनाई है, यात्रा भी सुपरस्पीड। सड़कों को जाम और गड्ढों से निजात दिलाकर समय भी बचाना है। एजेंसी सक्रिय हुई, एक्सप्रेस-वे के रास्ते की तलाश शुरू हुई तो गंगा मां के नाम से अपने गांव का नाम जुड़वाने को हर कोई बेताब हो गया। किसान चाहते हैं कि यह एक्सप्रेस-वे उनके गांव से गुजरे। इसके दो लाभ होंगे। एक तो उस इलाके की जमीन के दाम आसमान छूने लगेंगे, उसके मालिक किसानों का भाग्य भी बदल जाएगा। दूसरा फायदा नाम का होगा, लेकिन सरकार की चिंता उसी के स्थानीय पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि हैं, जिन्होंने इसके नाम पर राजनीति शुरू कर दी है। मामला सीएम और पीएम तक भी पहुंच गया है। हालांकि अब पिछले कुछ दिनों से किसान और नेता सभी शांत हैं। चर्चा है कि कहीं से हिदायत मिली है।
कोरोना, शराब ने ली बलि
डीएम साहब ने मेरठ में तैनाती का रिकार्ड बनाया। ढाई साल से ज्यादा की पारी खेली, वो भी मजबूती के साथ। सफलतापूर्वक लोकसभा चुनाव कराए और बड़ी-बड़ी मुसीबत झेल गए। कई कद्दावर भाजपाई उनके विरोध में खड़े हुए तो उन्हेंं भी हाईकमान से संदेश दिलाकर शांत कर दिया। कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाया। हालांकि, राजधानी की हवा की मानें तो कोरोना से लड़ाई में ढींगरा कमजोर पड़ गए, ऊपर से शराब कांड हो गया, वो भी दो बार। रोहटा में हुई मौतों को क्लीनचिट मिलते ही जिले में शराब माफिया खुलकर खेलने लगे थे। कोरोना की स्पीड और शराब ने ही उनकी बलि ले ली। अब बालाजी इन दोनों समस्याओं का इलाज करेंगे। कोरोना, प्रशासन और पुलिस अफसरों- कर्मचारियों को भी तेजी से शिकार बना रहा है। अपराध नियंत्रण भी करना है। बालाजी पुलिस का काम भी जानते हैं, लिहाजा यह उनके लिए आसान होगा।
विकास योजनाओं को गति
हाई-वे, रैपिड रेल और फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट भी कोरोना आपदा के शिकार हुए, ये लक्ष्य से पांच महीने पिछड़ गए। अब, सरकार जल्द ये सुविधाएं जनता को देना चाहती है। सरकार का संदेश अफसरों को भी अच्छे से समझ में आ रहा है लिहाजा सभी सक्रिय हैं। कमिश्नर ने सभी एजेंसियों की नकेल कस दी है। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे की लगभग सभी बाधाएं दूर हो गई हैं, काम तेजी पर है। मेरठ-पौड़ी, गढ़, शामली रोड पर काम शुरू कराने की तैयारी है। रूड़की और बागपत-सोनीपत मार्ग पर काम हाईस्पीड पर है। रैपिड रेल की शहर तक आने की राह भी तेजी से आसान होती जा रही है। तमाम जमीनें मिल गई हैं। हाईस्पीड कोरोना के बीच विकास कार्यों की यह रफ्तार सराहनीय है, लेकिन ऐसी भी क्या जल्दी कि मेरठ-हापुड़-बुलंदशहर हाई-वे को पूरा करने से पहले ही वहां टोल की भी वसूली शुरू कर दी गई।
जल्द लगेगी सीएम की क्लास
कोरोना की आपदा के बीच मुख्यमंत्री ने मंडलीय समीक्षा करनी शुरू कर दी है। उन्होंने जहां भी समीक्षा की, वहीं पर कार्रवाई भी की। मेरठ के लिए भी फरमान आ गया है। एजेंडा पर जानकारियां मांग ली गई हैं। अब बस तारीख की घोषणा होनी है। कार्रवाई के डर से अफसरों की नींद उड़ी है। डरने की बात भी है, क्योंकि पिछले छह महीने में कोरोना का नाम लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा और सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर गंभीरता नहीं दिखाई गई है। सभी योजनाओं की स्थिति चिंताजनक है। हालांकि अफसरों ने रिपोर्ट तैयार करने में एक दिन ज्यादा समय लिया और हालात को मैनेज करने की पूरी कोशिश की, लेकिन हस्तिनापुर में विश्वस्तरीय संग्रहालय समेत तमाम महत्वपूर्ण घोषणाएं और योजनाएं जहां की तहां हैं। इस स्थिति में समीक्षा के दौरान सीएम के सवालों का जवाब देना अफसरों के लिए आसान न होगा।