jagran film festival : वेब सीरीज की लोकप्रियता का कारण सिर्फ उसका कंटेंट : राजेश तैलंग Meerut News
jagran film festival के दूसरे अभिनेता राजेश तैलंग को दर्शकों से रू-ब-रू कराया गया। इस दौरान उन्होंने खुलकर अपने मन की बात को रखा और बताया वेब सीरीज क्यों लोकप्रिय हो रही है।
मेरठ, जेएनएन। शॉप्रिक्स मॉल के वेव सिनेमा में आयोजित 10वें जागरण फिल्म फेस्टिवल में जोया की स्क्रीनिंग के बाद दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय ने फिल्म अभिनेता राजेश तैलंग को दर्शकों से रू-ब-रू कराया। वेब सीरीज मिर्जापुर, दिल्ली क्राइम, फिल्म सिद्धार्थ व जोया के अभिनेता राजेश तैलंग ने आश्वस्त किया कि अगर दिल्ली या अन्य शहरों में रह रहे हैं तब भी फिल्मों में काम मिल सकता है, बशर्ते आपमें अभिनय प्रतिभा होनी चाहिए। अब कास्टिंग डायरेक्टर फिल्म की कहानी के मुताबिक छोटे शहरों से भी कलाकार लेते हैं। उनका मानना है कि वेब सीरीज की लोकप्रियता का कारण सिर्फ उसका कंटेंट है। प्रस्तुत है राजेश तैलंग से बातचीत के प्रमुख अंश...
परिवार साहित्य से जुड़ा है तो उसकी भी छाप पड़ी होगी। आप मुंबई में क्यों नहीं रहते, दिल्ली में रहते हैं?
मुंबई मुझे अच्छा नहीं लगता। मैं वहां ग्रो तो कर पाता हूं, पर इन्वॉल्व नहीं कर पाता। वैसे 20 दिन मुंबई में रहता हूं बाकी दिन दिल्ली में। दिल्ली में रहने की वजह यह भी है कि जरूरी नहीं कि मुंबई रहकर ही काम मिले। अब छोटे शहरों पर आधारित फिल्में बनने लगी हैं, जिसमें स्थानीय कलाकार रखे जाते हैं। अब कास्टिंग डायरेक्टर का महत्व हो गया है। वह किसी भी क्षेत्र से कलाकार चुनते हैं। रही बात साहित्य की तो इसने मुझे बहुत समृद्ध किया।
आपने कहा मुंबई में रहकर थोड़ा यथार्थपरक कम हो पाते हैं। पर चाहे बरेली की बर्फी हो या अन्य कोई। ऐसा कह सकते हैं पहले से ज्यादा यथार्थपरक हुई हैं।
पहले भी यथार्थपरक फिल्में हुई हैं। अलग-अलग किस्म की कहानियां बनती रही हैं, लेकिन अभी एक नया यथार्थ है, वह व्यवसायिक भी हो रहा है। आज के यूथ के पास मोबाइल है। ग्लोबल रेफरेंस है। आज स्माल टाउन न्यू इंडिया की कहानी है।
इंटरनेट के प्लेटफार्म पर जो भी सामग्री आ रही है, वे सेंसर न होने से खुलकर अभिव्यक्ति का मौका दे रही हैं? इन पर सेक्स व हिंसा परोसने का आरोप लगता है।
सेंसरशिप के साथ ही फार्मेट का अंतर भी कारण है। सीरियल लंबा हो जाता है। सिनेमा में कुछ ही मिनट में पूरी कहानी कहने का दबाव होता है। वेब सीरीज सीजन के हिसाब से सामग्री दे रहा है। इसका बजट भी अच्छा है। लेखकों को भी अच्छा पैसा मिल रहा है। इंटरनेट की बात है तो पोर्नोग्राफी भी तो उपलब्ध है फ्री में, जबकि वेब सीरीज तो सब्सक्रिप्शन से मिलता है। इसलिए सिर्फ इस आधार पर उसे हिट नहीं किया जा सकता।
आप फिल्म, थियेटर व वेब सीरीज भी करते हैं। तीनों में संतुलन बनाना कितना मुश्किल है या सहूलियत होती है? आपके लिए फिल्म बेहतर या वेब सीरीज?
फार्मेट बदलने से फर्क नहीं पड़ता। मैंने शुरुआत सीरियल से ही की थी। सीरियल को ज्यादा समय देना पड़ता है, जबकि वेब सीरीज व फिल्म में करीब समान समय देना पड़ता है। मुझे तो सहूलियत मिली है। वेब सीरीज में ज्यादा काम करने का मौका मिलता है। सीरियल में तो नौकरी जैसा अनुभव होता है। दिन रात व्यस्त, जबकि इनमें ऐसा नहीं होता। वेब सीरीज की लोकप्रियता का कारण सिर्फ उसका कंटेंट है।