सालों बाद होलिका दहन पर बरसे बदरा, अस्त-व्यस्त हुई तैयारी
मेघों ने दुल्हैंडी के पहले ही लोगों को सराबोर कर दिया। एक दशक के अंतराल में होलिका दहन वाले दिन ऐसी तेज फुहारें देखी गई हैं।
मेरठ। मेघों ने दुल्हैंडी के पहले ही लोगों को सराबोर कर दिया। एक दशक के अंतराल में होलिका दहन वाले दिन ऐसी तेज फुहारें देखी गई हैं। शाम को अचानक बादल घिर आए और बारिश शुरु हो गई। बड़े जतन से सजाए गए होलिका स्थल बौछारों से अस्तव्यस्त हो गए। हालांकि कुछ देर बाद आसमान साफ हो गया और होलिका दहन स्थलों पर गहमागहमी बढ़ गई। मौसम विभाग के वर्ष 2011 से रंग पर नजर डालें तो केवल 2017 में होलिका दहन वाले दिन 0.3 एमएम बारिश हुई थी। वहीं बुधवार को शाम साढ़े पांच बजे तक एक एमएम बारिश हो चुकी थी और आगे भी रिमझिम फुहारों बरस रही थी।
दोपहर में तेज गर्मी, शाम को लुढ़का पारा : शाम पांच बजे आसमान में घटाएं छाने के पहले तेज धूप निकली हुई थी। दोपहर में धूल उड़ाती तेज हवाएं गर्मी की दस्तक देती नजर आ रही थी। होली की मस्ती में क्या बच्चे क्या बड़े लोग कमीज और टीशर्ट में रंग और गुलाल खेल रहे थे। तापमान भी सीजन में पहली बार 30.6 डिग्री के पार चला गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी सीजन का सबसे अधिक 15.1 रहा। दोनों सामान्य से एक डिग्री अधिक रही।
घाघ कहे वर्षा सौ कोस : 20 मार्च को दैनिक जागरण ने बारिश का पूर्वानुमान जताया था। जबकि मौसम विभाग की वेबसाइट में मेरठ में केवल हल्के बादल छाए रहने की बात कही थी। अचानक हुई बारिश के पीछे पिछले दो दिनों लगातार बढ़ रहा तापमान भी मुख्य कारक साबित हुआ है। हालांकि रात में हल्की नम युक्त हवाएं चल रही थी। महाकवि घाघ की पंक्तियां ऐसे माहौल में चरितार्थ होती नजर आई।
दिन में गर्मी रात में ओस, घाघ कहे वर्षा सौ कोस : सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि पश्चिम विक्षोभ के प्रभाव से बुधवार को पहाड़ों पर बारिश हुई है, 21 को भी आसार बने हुए हैं। मेरठ में भी दुल्हैंडी वाले दिन बादल छाए रहने और बूंदाबांदी की संभावना बनी है। 22 को मौसम साफ हो जाएगा। 25 मार्च से एक बार फिर से मौसम में बदलाव होगा।