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आइटीसी क्लेम के लिए बिल की हार्ड कॉपी होनी जरूरी

होटल ब्राडवे में शनिवार को टैक्स विशेषज्ञों ने अधिवक्ताओं को वस्तु एवं सेव कर (जीएसटी) के नए फार्म के बारे में जानकारी दी। टैक्सेशियो एकेडमिक और वेलफेयर फोरम एसोसिएशन के अध्यक्ष और टैक्स विशेषज्ञ एनके अरोड़ा ने कहा कि जिस व्यापारी के नाम से हम टैक्स इनवायस काटते हैं

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:08 AM (IST)
आइटीसी क्लेम के लिए बिल की हार्ड कॉपी होनी जरूरी
आइटीसी क्लेम के लिए बिल की हार्ड कॉपी होनी जरूरी

मेरठ, जेएनएन। होटल ब्राडवे में शनिवार को टैक्स विशेषज्ञों ने अधिवक्ताओं को वस्तु एवं सेव कर (जीएसटी) के नए फार्म के बारे में जानकारी दी। टैक्सेशियो एकेडमिक और वेलफेयर फोरम एसोसिएशन के अध्यक्ष और टैक्स विशेषज्ञ एनके अरोड़ा ने कहा कि जिस व्यापारी के नाम से हम टैक्स इनवायस काटते हैं उसकी हार्ड कॉपी उसके पास होनी जरूरी है तभी वह इनपुट क्रेडिट लेने का अधिकारी है। इसके साथ माल के परिवहन होने का ब्यौरा जो ईवे बिल के रूप में होता है होना जरूरी है। अक्टूबर से जारी नए प्रावधानों के अनुसार व्यापारी 20 प्रतिशत अधिक आइटीसी क्लेम कर सकता है।

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एनके अरोड़ा ने अधिवक्ताओं से अपील की कि वह टैक्स से संबधित विभिन्न आर्टिकल को ध्यान से पढ़े तभी वह व्यापारियों के हितों की रक्षा कर पाएंगे। कहा कि फास्ट टैग से टैक्स चोरी मुश्किल हो जाएगी और पता चल जाएगा कि माल कहां से कहां के लिए सप्लाई हुआ है। व्यापारियों और मैन्युफैक्चर से स्टाक रजिस्टर मेंटेन करने की अपील की ताकि उत्पीड़न से बचा जा सके। संचालन संस्था के महासचिव भारत ज्ञान भूषण ने किया। संरक्षक बीडी जैन, संयोजक एके जैन, मनु ऋषि, नितिन गर्ग आदि मौजूद रहे।

इस तरह होता बिल टू शिप टू लेनदेन

एनके जैन ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि विक्रेता बिल किसी व्यक्ति बी नाम पर काटता है जबकि माल सी के प्रतिष्ठान पर उतरता है। अक्सर ऐसा होता है ए के द्वारा सप्लाई किया गया माल रस्ते में होता तभी सी उसे डी को बेंच देता है। इस प्रकार के लेनदेन को बिल टू शिप टू कहते हैं। कहा कि ऐसे मामलों में माल के मूवमेंट के दौरान ही अगर खरीददार दूसरे को माल बेचता है तो उसे नए ग्राहक के नाम पर माल के स्वामित्व के लिए डाक्युमेंट या इनवायस जारी करनी होगी। उस पर यह भी लिखना होगा माल मूवमेंट में है अर्थात रास्ते में है।

जीएसटी पंजीकरण करने की बताई आसान प्रक्रिया

जब तक खरीदारी की रिटर्न फाइल नहीं जाएगी। तब तक सेल पर इनपुट क्रेडिट नहीं मिल पाएगा। ये जानकारी शनिवार को मुख्य वक्ता मुनि शेखर ने एक गोष्ठी के दौरान साझा की। ईव्ज चौराहे स्थित भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के कार्यालय पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस अवसर पर वक्ताओं ने जीएसटी से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। कंपनी सचिव सीएस मुनि शेखर ने संबोधित करते हुए जीएसटीआर फाइलिंग करने हेतु सभी जानकारियां साझा की। इस अवसर पर मेरठ चैप्टर की कंपनी अध्यक्ष सीएस हेमा गुप्ता ने कंपनी में अंशधारकों के हित की रक्षा के लिए स्वतंत्र निदेशक के योगदान के विषय में बताया। साथ ही बताया कि लिस्टेड कंपनी में एक तिहाई और स्पेसिफाइड पब्लिक कंपनी में दो स्वतंत्र निदेशकों का होना आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया। इस अवसर पर सीएस दिनेश गुप्ता, सीएस शेफाली, सीएस तनवीर, सालिम अहमद,अंजू बंसल व कविता उपस्थित रहीं।


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