ipl auction : अब आइपीएल में चमकेगा प्रियम का बल्ला तो कार्तिक की स्विंग, यह मेरठ के लिए गर्वीले पल Meerut News
अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के कप्तान बने प्रियम गर्ग और टीम में स्विंग गेंदबाज के तौर पर शामिल हुए कार्तिक त्यागी हुनर में माहिर हैं। दोनों ही आइपीएल में जलवा दिखाएंगे।
मेरठ, जेएनएन। अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के कप्तान बने प्रियम गर्ग और टीम में स्विंग गेंदबाज के तौर पर शामिल हुए कार्तिक त्यागी अपने-अपने हुनर में माहिर हैं। प्रियम अपने बल्ले से बात करते हैं तो कार्तिक की स्विंग गेंदबाजी बल्लेबाजों को हैरान परेशान करती है। प्रियम गर्ग ने अंडर-19 की मैचों में दमदार प्रदर्शन करते हुए टीम को इंग्लैंड सीरीज जिताने में अहम योगदान दिया। कार्तिक त्यागी पिछले कुछ महीनों में अधिक क्रिकेट नहीं खेले, लेकिन गेंद पर उनकी पकड़ उतनी ही मजबूत है जितनी एक स्विंग मास्टर की होनी चाहिए। दोनों खिलाड़ी अपने इन्हीं गुणों के कारण वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा बने और आइपीएल में भी जगह बनाने में सफल हुए।
सिर्फ गेंद देखा और बल्ला घुमाया
प्रियम गर्ग अपने खेल में इतने ज्यादा एकाग्र रहे हैं कि उन्होंने घर से अधिक समय क्रिकेट के भामाशाह ग्राउंड पर बिताया है। उनकी इसी लगन ने पिच पर रहने के दौरान केवल गेंदबाज के हाथ से निकली गेंद ही देखने की महारत दे दी। बल्लेबाजी की धार ऐसी रही है कि अंडर-16 से ही दोहरा शतक जड़ दिया था। अंडर-16 से रणजी मैच तक प्रियम गर्ग 10 दोहरे शतक लगा चुके हैं। अंडर-16 में दो डबल सेंचुरी और अंडर-19 में एक डबल सेंचुरी लगाई। उसी दौरान इंडिया कैंप और नेशनल क्रिकेट एकेडमी में भी एक-एक दोहरा शतक जड़ा। कूचबिहार व रणजी ट्रॉफी में प्रियम ने मध्य प्रदेश के खिलाफ 200, छत्तीसगढ़ के खिलाफ 202, त्रिपुरा के खिलाफ 206, गुजरात के खिलाफ 206, रायपुर, दिल्ली व हरियाणा के खिलाफ 200 रनों की शानदार पारी खेली है। प्रियम के नाम शतक से अधिक दोहरे शतक हैं। प्रियम ने अब तक छह शतक लगाए हैं।
विकेट के आगे नहीं दिखता बल्लेबाज
कार्तिक त्यागी ने अपनी स्विंग गेंदबाजी का अभ्यास इस तरह किया जिससे उन्हें विकेट के सामने खड़ा बल्लेबाज नहीं बल्कि विकेट ही नजर आए। अपनी स्विंग को लगातार धार देने की दिशा में अभ्यासरत कार्तिक ने भी अंडर-16 आयु वर्ग के क्रिकेट खेलों में 50 विकेट झटक लिए थे। अंडर-16 की दहलीज पार करते ही रणजी ट्राफी में चुना गया। रणजी ट्राफी के पहले ही मैच में रेलवे के खिलाफ तीन विकेट चटकाने पर कार्तिक उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम का हिस्सा बने। राइट हैंड से स्विंग करने वाले कार्तिक ने कूच बिहार ट्रॉफी में 41 विकेट, क्वाड्रैंगुलर ट्रॉफी में अफगानिस्तान व दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार विकेट, इंग्लैंड टूर में नौ विकेट, अफगानिस्तान टूर में छह विकेट, विजय हजारे में नौ विकेट और रणजी ट्रॉफी में तीन विकेट लिए हैं।
दोनों के परिवारों में खुशी की लहर
प्रियम गर्ग और कार्तिक त्यागी के आइपीएल टीमों में चयनित होने पर दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है। प्रियम गर्ग के पिता नरेश कुमार गर्ग को यह खुशखबरी राजस्थान में बालाजी के दरबार में मिली तो कार्तिक के पिता योगेंद्र त्यागी को हापुड़ में गांव के लोगों के बीच यह खुशखबरी मिली। दोनों ही परिवारों के लिए यह पल एक मुराद पूरी होने जैसी है। लोगों को जानकारी मिलते ही दोनों परिवारों पर बधाइयों का तांता लग गया। सभी दोनों ही खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं।
बाबा ने दिया मेहनत का फल
गुरुवार को सपरिवार राजस्थान में बालाजी के दर्शन को पहुंचे प्रियम गर्ग के पिता नरेश कुमार गर्ग को आइपीएल में प्रियम के चुने जाने की खबर शाम को मंदिर में आरती के समय मिली। पूरा परिवार बाबा की प्रार्थना में लगा था, तभी उनके सामने प्रसाद के रूप में प्रियम के सफलता की सीढ़ी पर बढ़े कदम की जानकारी मिली। नरेश कुमार सपरिवार शुक्रवार सुबह मेरठ पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि प्रियम ने खेल में सफलता के लिए जितनी मेहनत की है बाबा ने उसी का प्रसाद उन्हें दिया है। इससे परिवार को भी खुशी है। एक समय ऐसा था जब अभाव के बाद भी प्रियम का क्रिकेट अभ्यास चलता रहा। उसी तपस्या के कारण की यह सफलता मिली है। ईश्वर से प्रार्थना है कि अंडर-19 वल्र्ड कप में भी अच्छा प्रदर्शन कर प्रियम देश का नाम रोशन करें जिससे उन्हें और अधिक सफलता मिले। नरेश कुमार ने बताया कि प्रियम की सफलता में मेरठ कॉलेज क्रिकेट एकेडमी के कोच के साथ एमडीसीए और यूपीसीए पदाधिकारियों के सहयोग और प्रयासों का बहुत बड़ा योगदान है।
क्रिकेट की खातिर 14 घटे बाहर रहते थे कार्तिक
कार्तिक त्यागी के पिता योगेंद्र त्यागी ने बताया कि कार्तिक ने छह साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। आठ साल की उम्र में ही उन्होंने यह बता दिया कि उन्हें क्रिकेट में ही आगे बढ़ना है, इसलिए पढ़ाई का अधिक दबाव न डालें। बेटे का क्रिकेट के प्रति रुझान और लगन देखते हुए उन्होंने सिटी वोकेशनल क्रिकेट एकेडमी में कोच विपिन वत्स के पास ट्रेनिंग के लिए भेजा। योगेंद्र हर दिन कार्तिक को हापुड़ से बस में बिठा देते और शाम को स्टेशन से वापस ले जाते। कार्तिक अकेले ही हापुड़ से सुबह आठ बजे ट्रेनिंग के लिए निकलते और रात को करीब 10 बजे वापस घर पहुंचते थे। स्कूलों ने भी ट्रेनिंग में सहयोग दिया जिससे उनकी पढ़ाई खेल के बावजूद चलती रही। पिछले दो साल से कार्तिक 12वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं दे सके हैं। हर बार क्रिकेट प्रतियोगिताओं में जाने के कारण उन्हें परीक्षा छोड़नी पड़ी। इस साल भी वल्र्ड कप में जाने के कारण बोर्ड परीक्षा छूट जाएगी। योगेंद्र त्यागी ने बताया कि कार्तिक को शुरुआती प्रयास में अंडर-14 टीम में जगह मिल गई थी। बाद में उन्होंने भामाशाह पार्क में कोच संजय रस्तोगी से भी क्रिकेट की बारीकियां सीखी और यूपीसीए की टीम में चयनित हो गए।
इनका कहना है
राष्ट्रीय फलक पर खिलाड़ियों का चुना जाना प्रदेश के लिए बड़ी बात है। यूपीसीए सही दिशा में सही खिलाड़ियों को तैयार कर आगे बढ़ा रही है।
- डॉ. युद्धवीर सिंह, सचिव, उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन
भुवनेश्वर कुमार और कर्ण शर्मा के बाद प्रियम गर्ग और कार्तिक त्यागी का आइपीएल में चुना जाना मेरठ के लिए गौरव की बात है। दोनों ही खिलाड़ी बहुत मेहनती हैं और आशा है कि वल्र्ड कप के बाद आइपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
- सुरेंद्र चौहान, सचिव, मेरठ डिस्टिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन
एक कोच के लिए इससे बड़ी खुशखबरी नहीं हो सकती कि उसके दो शिष्य एक साथ आइपीएल में चयनित हुए हैं। मेरी तरफ से दोनों को बधाई और शुभकामनाएं।
- संजय रस्तोगी, कोच, मेरठ कॉलेज क्रिकेट एकेडमी
कार्तिक ने इस मुकाम के लिए कड़ी मेहनत की है। गेंदबाजी में स्विंग पर उसकी पकड़ भी है। आइपीएल में भी अच्छे प्रदर्शन की आशा है।
- विपिन वत्स, कोच, सिटी वोकेशनल क्रिकेट एकेडमी