अब जांच एजेंसी पता लगाएगी, बसपा सांसद की फैक्ट्री में बांग्लादेशियों के काम करने का सच Saharanpur News
सहारनपुर में पकड़े गए बांग्लादेशी भाइयों के स्वजनों ने यह बयान दिया है कि यह दोनों सहारनपुर से बसपा सांसद फजलुर्रहमान की मीट फैक्ट्री में काम करते थे इस बयान के बाद एटीएस पड़ताल में जुट गई हैं। सांसद ने इस बात को सिरे से खारिज कर किया है।
सहारनपुर, जेएनएन। लखनऊ एटीएस द्वारा सहारनपुर से दो बांग्लादेशी भाइयों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेांसियों की नजरें सहारनपुर पर आ टिकी हैं। उधर दिल्ली में दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद इंटरनेट मीडिया पर उनके गिरफ्तारी से पूर्व देवबंद में आने की खबरें तैरती रहीं। इसे लेकर खुफिया इकाइयां तथा जिला पुलिस अलर्ट मोड में आ गई हैं, वहीं बांग्लादेशी भाइयों के स्वजनों ने यह बयान दिया है कि यह दोनों सहारनपुर से बसपा सांसद फजलुर्रहमान की मीट फैक्ट्री में काम करते थे, इस बयान के बाद एटीएस तथा पुलिस भी पड़ताल में जुट गई हैं।
सांसद ने आरोपों को खारिज किया
श्रम विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक यहपता करा रहा है कि क्या वास्तव में यद दोनों बसपा सांसद की मीट फैक्ट्री में काम करते थे। फिलहाल इस बयान के बाद बसपा सांसद आरोपों को सिरे से खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह दोनों बांग्लादेशी सहारनपुर शहर के कमेले से पकड़े गये हैं, उनकी मीट फैक्ट्री तो शहर से मीलों दूर गागलहेड़ी में सथित है। उनके यहां कोई भी व्यक्ति बगैर वेरीफिकेशन के काम नहीं कर सकता।
फंडिग की भी जांच जारी
अब तक की जांच में पकड़े गए दोनों बांग्लादेशियों के खातों में विदेशों से लेनदेन तथा कई देशों से बातचीत की बात सामने आ रही है। जांच एजेंसियां सभी तथ्यों को जांचने में लगी हैं। लेकिन इस बीच इनके दस्तावेज कैसे तथा किस स्तर पर तैयार हुये इसे लेकर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इनका जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र तो वर्ष 2020 में ही तैयार हुए हैं। बड़ा सवाल स्थानीय एलआइयू यूनिट पर भी उठा है कि दोनों भाई आस्ट्रेलिया, इटली, म्यामार, ब्रिटेन, अमेरिका और साउदी अरब में बात करते रहे और खुफिया इकाई को भनक तक नहीं लगी।
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