मेरठ के आसमान में स्पेस स्टेशन, छत पर चढ़कर देखिए
विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्र और अन्य लोग छह दिन तक स्पेस से जुड़ी गतिविधियां फलक पर देख सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) 30 अक्टूबर तक मेरठ के आसमान से छह बार गुजरेगा।
मेरठ, जेएनएन। विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्र और अन्य लोग छह दिन तक स्पेस से जुड़ी गतिविधियां फलक पर देख सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) 30 अक्टूबर तक मेरठ के आसमान से छह बार गुजरेगा। यह गतिविधि विशेष तौर पर 21 से 26 अक्टूबर के बीच देखी जा सकती है। रोजाना सुबह चार से 5.30 बजे तक मेरठ की जमीन से यह 418 किलोमीटर ऊपर से गुजरेगा। यह दूरी पृथ्वी के सबसे नजदीक मानी जाती है। इसे छत पर चढ़कर नंगी आंखों से भी देखना संभव है। फोटो खींचना जरूर मुश्किल है, लेकिन इसका वीडियो बना सकते हैं।
कब और किस समय देख सकेंगे
जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक दीपक शर्मा के अनुसार, मेरठ के आसमान से गुजरते समय आइएसएस 21 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 10 मिनट तक दिखा। सुबह 5.36 से 5.46 बजे तक आइएसएस को दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर 77 डिग्री पर देखा गया। 22 अक्टूबर को सुबह 4.52 से 4.56 तक दक्षिण से उत्तर-पूर्व की ओर 35 डिग्री पर जाता दिखेगा। 23 अक्टूबर को सुबह 04.07 बजे पूर्व में 13 डिग्री पर, इसके बाद 4.40 से 4.45 तक उत्तर-पश्चिम दिशा में 26 डिग्री पर दिखेगा। 24 अक्टूबर को सुबह 4.55 से 4.58 बजे तक उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर जाता दिखेगा। 25 को नहीं दिखेगा, लेकिन 26 को महज पांच सेकेंड के लिए 4.58 बजे से दिखाई देगा।
इस प्रयोगशाला से जुड़ा भारत का नाम
पृथ्वी के बाहर स्पेस स्टेशन की गति 32 हजार किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इस रफ्तार से यह धरती से 418 किलोमीटर ऊंचाई से गुजरते हुए 90 मिनट में धरती का एक चक्कर लगाता है। यह खगोल की एकमात्र स्पेस प्रयोगशाला है, जिससे भारतीय गौरव भी जुड़ा है। यह वही प्रयोगशाला है, जिसमें भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा भी गए थे। उनके बाद भारतीय मूल की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स भी स्पेस स्टेशन में बतौर वैज्ञानिक अपनी सेवा दे चुकी हैं।