डाक्टर ने कहा... इलाज में आएगा काफी खर्च, पुलिसकर्मी जुटा लाए चंदा; मार्मिक है मेरठ के इस दारोगा की कहानी
पुलिस का मानवीय चेहरा आपने कई बार देखा होगा या सुना होगा। वहीं लॉकडाउन के दौरान पुलिस को लोगों तक खाना पहु्ंचाते भी देखा होगा। पर जब पुलिस का कोई अधिकारी खतरे में आ जाए तो शायद ही कोई मदद को आगे आता है।
मेरठ, जेएनएन। पुलिस का मानवीय चेहरा आपने कई बार देखा होगा या सुना होगा। साथ ही बहादुरी के किस्से भी सुने होंगे। वहीं लॉकडाउन के दौरान पुलिस को लोगों तक खाना पहु्ंचाते देखा होगा। पर, जब पुलिस का कोई अधिकारी खतरे में आ जाए तो शायद ही कोई मदद को आगे आता है। मेरठ में एक ऐसा मार्मिक वाकया हुआ है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। शहर के एक दारोगा के इलाज में डाक्टर ने काफी खर्च बताया तो पुलिसकर्मियों ने इलाज के लिए चंदा जुटाना शुरू कर दिया। ताकि दारोगा का इलाज हो सके। इस घटना के बाद लोग मदद करने वाले पुलिसकर्मियों की तारीफ कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, गंगानगर थाने पर दारोगा के रूप में संजीव कुमार तैनात हैं। कुछ दिन पहले ही दारोगा के फेफडों और लिवर में संक्रमण होने के कारण दिल्ली दून बाइपास स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डाक्टरों ने बताया कि दारोगा संजीव कुमार के फेफड़े खराब हो गए हैं, केवल 10 प्रतिशत ही काम कर रहे हैं। इस कारण संजीव की हालत गंभीर बनी हुई है। डाक्टर का कहना है कि संजीव के इलाज में काफी खर्च आएगा। स्वजन ने भी आर्थिक रूप से अस्पताल में भुगतान के लिए असमर्थता जाहिर की। जैसे ही यह बात गंगानगर थाने पर पहुंची। पुलिसकर्मी दारोगा साहब के मदद के लिए आगे आने लगे। इसके बाद गंगानगर थाने पर पुलिसकर्मियों ने इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार शर्मा व सीओ सदर देहात ब्रजेश कुमार के सहयोग से 1.27 लाख धनराशि एकत्र की और दारोगा के स्वजनों को अस्पताल में ले जाकर सौंप दी।
छह दिन से वेंटिलेटर पर हैं दारोगा
उपचाराधीन दारोगा पिछले छह दिनों से वेंटिलेटर पर है। उसके फेफडों व लीवर ने संक्रमण के कारण काम करना बंद कर दिया है। हालत चिंताजनक बनी हुई है। बता दें कि 2015-16 बैच में भर्ती संजीव कुमार चंदौसी मूल के निवासी हैं।