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संयुक्त कमेटी का निरीक्षण तय करेगा मेरठ में उड़ान का भविष्य

मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज के लिए उड़ान की तैयारियों अब तेज हो चुकी है। संयुक्त कमेटी जल्द ही हवाई पट्टी का निरीक्षण करने के लिए मेरठ आएगी।

By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 10:55 AM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 10:55 AM (IST)
संयुक्त कमेटी का निरीक्षण तय करेगा मेरठ में उड़ान का भविष्य
संयुक्त कमेटी का निरीक्षण तय करेगा मेरठ में उड़ान का भविष्य
मेरठ,[जागरण स्पेशल]। मेरठ से हवाई उड़ान सेवा शुरू करने के लिए जूम एयरलाइंस को विमानन मंत्रालय की संयुक्त सचिव व रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) की प्रभारी ऊषा पाढ़ी की ओर से पत्र दे दिया गया है। अब इस पत्र पर सात मार्च को केंद्रीय विमानन मंत्री सुरेश प्रभु हस्ताक्षर करेंगे। जमीन की जरूरत व मौके की स्थिति देखने के लिए अगले सप्ताह संयुक्त कमेटी हवाई पट्टी का निरीक्षण करने आएगी।
विस्तार की जरूरत पड़ेगी
परतापुर के पास डा.आंबेडकर हवाई पट्टे से विमान उड़ाने के लिए उसके विस्तार की जरूरत पड़ेगी। कुछ समय पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 227 एकड़ जमीन की जरूरत बताई थी लेकिन मौके पर 86 एकड़ जमीन ही है, 141 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करनी पड़ेगी। यदि 141 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करनी पड़ी तो लगभग 543 करोड़ रुपये अधिग्रहण में ही खर्च हो जाएंगे। इतनी धनराशि प्रदेश सरकार को खर्च करनी पड़ेगी।
अधिग्रहण हुआ तो लग जाएगा ज्यादा समय
अगर 141 एकड़ जमीन और अधिग्रहीत करनी पड़ी तो इसमें वक्त लग जाएगा। जमीन अधिग्रहीत करने के लिए धन का इंतजाम और फिर नोटिफिकेशन की प्रक्रिया, किसानों से बातचीत और जमीन खरीद के बाद मिट्टी भराव आदि में महीनों वक्त लग जाएगा। वैसे तो कंपनी को छह माह में संचालन शुरू करना होगा पर यदि अधिग्रहण आदि में पेंच फंसा तो हवाई उड़ान में एक या डेढ़ साल का वक्त भी लग सकता है।
हमारा प्रयास कम जमीन में ही शुरू हो उड़ान : लक्ष्मीकांत
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि उनका मानना है कि कम जमीन की जरूरत पड़ेगी। 50 सीटर हवाई उड़ान के लिए 1845 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी की ही जरूरत है जबकि वर्तमान में लंबाई 1500 मीटर और चौड़ाई 23 मीटर उपलब्ध है,इसलिए जरूरी नहीं कि 227 एकड़ की ही जरूरत हो। इसके लिए संयुक्त कमेटी से वह बात करेंगे। संयुक्त कमेटी में जूम एयरलाइंस, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, विमानन मंत्रलय और प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। डा.वाजपेयी का कहना है कि अस्थाई ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम स्थापित करके उड़ान जल्द शुरू किया जा सकता है। अस्थाई कंट्रोल सिस्टम 10 दिन में तैयार हो जाता है। उन्होंने बताया कि उनका प्रयास है कि अगले सप्ताह संयुक्त कमेटी का निरीक्षण हो जाए,जिससे कार्य प्रगति में आए।
ये हैं रूट
  • मेरठ -लखनऊ,लखनऊ -मेरठ
  • मेरठ -प्रयागराज,प्रयागराज-मेरठ
  • वर्तमान में हवाई पट्टी की लंबाई 1500 मीटर
  • हवाई पट्टी के लिए आवश्यक लंबाई 1845 मीटर
  • हवाई पट्टी के लिए आवश्यक चौड़ाई 30 मीटर
  • हवाई उड़ान शुरू करने को जरूरी भूमि 227 एकड़
  • वर्तमान में हवाई पट्टी के लिए उपलब्ध भूमि 86 एकड़
  • वर्तमान में हवाई पट्टी की चौड़ाई 23 मीटर

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