जिले के उद्योगों को मिली 57 करोड़ की संजीवनी, सीएम की मौजूदगी में 14 को लगेगा उद्योग लोन मेला Meerut News
सरकार ने एमएसएमई उद्योगों को कोविड-19 योजना के तहत उनके वर्तमान लोन राशि का दस फीसद टॉपअप लोन देने की घोषणा की है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संकट में उद्योगों का भी हाल बेहाल है। सरकार ने उद्योगों को शुरू करने का आदेश तो दे दिया, लेकिन दो महीने से बंद उद्योगों को फिर से चलाने के लिए आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने एमएसएमई उद्योगों को कोविड-19 योजना के तहत उनके वर्तमान लोन राशि का दस फीसद टॉपअप लोन देने की घोषणा की है। मेरठ में लगभग एक हजार उद्योगों को 57 करोड़ का टॉपअप लोन स्वीकृत किया जा चुका है। इसके साथ ही अन्य योजनाओं के तहत भी सौ से ज्यादा उद्योगों को करोड़ों रुपये के लोन का भुगतान 14 मई को लगने वाले लोन मेले में किया जाएगा। इस लोन मेले में खुद मुख्यमंत्री ऑनलाइन मौजूद रहेंगे।
लोन मेले की तैयारियों की समीक्षा
उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने सोमवार को प्रदेश के सभी जनपदों के अफसरों के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर 14 मई को आयोजित होने वाले लोन मेले की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि विभिन्न योजनाओं में लॉकडाउन से पहले स्वीकृत किए गए लोन की राशि का लोन मेले में बैंकों द्वारा भुगतान किया जाएगा। अपर आयुक्त उदयीराम तथा उप आयुक्त वी के कौशल ने प्रमुख सचिव को बताया कि मेरठ में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 12 इकाईयों के 1.40 करोड़ के लोन स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से एक इकाई को 10 लाख का भुगतान किया जाएगा।
20 इकाईयों के आवेदन प्रक्रिया में
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 20 इकाईयों के आवेदन प्रक्रिया में हैं। इनमें से भी एक इकाई को 10 लाख का भुगतान किया जाएगा। एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत स्पोर्टस फैक्ट्री (फिटनेस उपकरण बनाने वाली) को 50 लाख के ऋण की स्वीकृति का मामला रखा जाएगा। मुद्रा योजना में 38 लाख के लोन स्वीकृत हो चुके हैं। लोन मेले में इनकी सूची जारी करके राशि इनके खातों में पहुंचा दी जाएगी। कोविड 19 टॉपअप लोन योजना के तहत जनपद की 1000 से ज्यादा एमएसएमई इकाईयों को उनके वर्तमान लोन का 10 फीसद अतिरिक्त लोन के रूप में 57 करोड़ का भुगतान किया जाएगा।
घर लौटे कामगारों को मिलेगा रोजगार
बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि अन्य प्रदेशों और जनपदों से अपने जनपद लौटे श्रमिकों की सूची तैयार कर ली जाए। अपना रोजगार करने वाले लोगों को विभिन्न व्यवसाय का प्रशिक्षण देकर किट प्रदान की जाए। वहीं उद्योगों में काम करने के इच्छुक कामगारों का इंटरव्यू कराकर स्थानीय उद्योगों में काम दिलाया जाए। उफ आयुक्त ने बताया कि मेरठ में श्रम विभाग ने 250 कामगारों के बाहर से मेरठ वापस आने की सूचना दी है। इसी संख्या को लक्ष्य बनाकर कार्य किया जा रहा है।