पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेअसर दिख रहा पेट्रोल-डीजल की मंहगाई के खिलाफ कांग्रेस का भारत बंद
वेस्ट यूपी में कांग्रेस और सहयोगी दलों द्वारा घोषित भारत बंद बेअसर रहा। शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व अन्य जिलों में रोजाना की भांति बाजार खुले। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात रहा।
मेरठ। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने 10 सितंबर को भारत बंद का एलान किया था। सुबह सभी विपक्षी दलों के कार्यकर्ता पहले कमिश्नरी पार्क में जमा हुए और धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया। इसके बाद शहर के विभिन्न बाजारों में टीम बनाकर निकले और व्यापारियों से प्रतिष्ठान कर बंद भारत बंद में शामिल होने का आग्रह किया।
कांग्रेस द्वारा घोषित भारत बंद का मेरठ में कोई विशेष असर सुबह से दोपहर 12 बजे तक नजर नहीं आया। हालांकि सोमवार को साप्ताहिक बंदी होने के कारण शहर के मुख्य बाजार सदर बाजार, खैरनगर, आबूलेन, सेंट्रल मार्केट आदि बाजार बंद रहे। उधर, बंद की सफलता के लिए कांग्रेस और सहयोगी दलों के लोग सुबह दस बजे कमिश्नरी पार्क में जमा हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इसके बाद करीब 12 बजे सभी टीम बनाकर शहर के अन्य बाजारों को बंद कराने के लिए निकले। हालांकि साप्ताहिक बंदी होने के कारण बाजार बंद थे। कांग्रेस ने शहर को एक दर्जन भागों में बांटकर भारत बंद को सफल बनाने का प्रयास किया, लेकिन परिवहन से लेकर ट्रांसपोर्टर्स पर भी बंद को कोई असर नजर नहीं आया। आम दिनों की तरह से ही परिवहन साधनों का संचालन होता रहा। ऐसा ही असर सोमवार को खुलने वाले अन्य बाजारों में भी नजर आया। उधर, बंद के मद्देनजर रविवार की देर शाम खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस-प्रशासन को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अतिरिक्त सर्तकता के लिए निर्देशित किया था। इस कारण पुलिस भी सड़क पर नजर आई। इसी प्रकार शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर आदि जिलों में भी कांग्रेस का भारत बंद बेअसर रहा। जिलों में रोजाना की भांति बाजार खुले, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर शहर के प्रमुख बाजारों व चौराहों पर पुलिस बल तैनात रहा।