India Lockdown Day 3: लॉकडाउन में सीबीएसई काउंसर की सलाह, ‘इडियट’बनें, कोविडियट नहीं Meerut News
India Lockdown Day 3 आप क्या किसी ऐसे को जानते हैं जो अब भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं कर रहा है? ऐसे पर ध्यान दें।
मेरठ, जेएनएन। India Lockdown Day 3 फिल्म थ्री-इडियट्स में तीनों इडियट की लोकप्रियता के बाद किसी को इडियट कहने पर बुरा नहीं लगता था। अब एक बार फिर कोरोना वायरस से स्वयं को बचने-बचाने के दौर में लोग इडियट बनने को तैयार हैं लेकिन बहुत सारे कोविडियट (कोविडइडियट: ट्विटर की भाषा के अनुसार, वह लोग जो कोरोना की दहशत में सारे आदेशों का उल्लंधन करते है और जमाखोरी करते हैं) से परेशान भी हैं। एक-दूसरे को मिलने और सोशल मीडिया में यही संदेश चल रहा है कि ‘इडियट बनें, कोविडियट नहीं’। कुछ लोग लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करने वालों को इडियट बता रहे हैं। वहीं नियमों का पालन करने वाले भी इसके जवाब में इडियट बनने और कोविडियट न बनने की सलाह दे रहे हैं।
ऐसे होगी कोविडियट की पहचान
आप क्या किसी ऐसे को जानते हैं जो अब भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं कर रहा है? कोई ऐसा जो विदेश से लौटा लेकिन पुलिस व प्रशासन के साथ पड़ोसियों से भी अपनी ट्रैवेल हिस्ट्री छिपा रहा है। या फिर कोई ऐसा जो दिन-राम वाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया में फक न्यूज फॉरवर्ड कर रहा है। ऐसा कोई हो तो समझ लीजिए कि वहीं सबसे बड़ा कोविडियट है। कोविडियट वहीं इंसान है जो इस स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहा है। जो कोरोना वायरस पर चल रही तथाकथित ‘वाट्सएप यूनिवर्सिटी’ की खबरों व रिसर्च को बिना जांचें व परखें विश्वास भी कर रहे हैं।
ऐसा करें और कोविडियट न बनें
फेक न्यूज न फैलाएं : कोरोना से संबंधित कोई भी जानकारी आगे बढ़ाने से पहले उसके प्रभाव के बारे में सोचें और परखें। प्रमाणित घरेलू नुस्खे से जुड़ी जानकारी ही आगे बढ़ाएं।
भीड़ का हिस्सा न बनें : गलियों में, मंदिर, मस्जिद, बाजार और घर में भी अधिक लोग एक साथ एकत्र न हों। जनता कफ्यरू के दिन घर में रहना ही कोरोना को हराने के लिए काफी नहीं। इस आगे भी जारी रखें।
यात्रा से बढ़ेगा कोरोना : लोग यात्रा करने से नहीं माने इसीलिए ट्रेन पव बसों को बंद कर सख्ती करनी पड़ी। इसलिए जहां हैं, वहीं रहें। कतई यात्रा करने बाहर न निकलें।
सेल्फ आइसोलेशन है जरूरी : लखनऊ में गायिका कनिका कपूर ने यात्रा छिपाकर क्या किया, यह सब को पता चल चुका है। इसलिए बाहर गए हों तो स्वयं को सेल्फ आइसोलेशन में रखने से न घबराए।
इन गतिविधियों में अपने साथ बच्चों को भी जोड़ें
- पढ़ाई के अलावा बच्चों को पेंटिंग, ड्राइंग व सफाई से जोड़े।
- पास्ता, सलाद, सैंडविच जैसे आसान नाश्ता बनाएं व बनवाएं।
- दिन के दौरान स्क्रैबल, मेमोरी गेम, लूडो, सांप सीढ़ी, पपेट शो आदि करें।
- हर घंटे-दो घंटे में हाथ धोने की याद दिलाने पर पुरस्कार रखें।
- साथ बैठने पर एक-दूसरे की गतिविधियों को साझा करें।
- अपने दोस्तों व स्कूल की कहानियां साझा करें।
- गलतियों पर पड़ी डांट या मार से मिली सीख भी साझा करें।
इनका कहना है
ऐसे समय में घर पर रहने वाले ही सही मायने में बुद्धिमान हैं और अपने बच्चों के सामने सही उदाहरण पेश कर रहे हैं। बच्चे भी बड़ों का अनुशासन ही देखकर सीखते हैं। इसलिए इस समय घर ही सबसे अच्छा डेस्टिनेशन है जहां खुद कुछ कर के बच्चों को सिखाने का मौका है।
- डा. पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर