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डिजिटल पेमेंट का उभरता मार्केट है भारत, छात्रों से रूबरू हुए शशांक

एक्स मेरियन एसोसिएशन की ओर से सेंट मेरीज एकेडमी में सोमवार को एक सेमिनार आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 04:00 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 06:06 AM (IST)
डिजिटल पेमेंट का उभरता मार्केट है भारत, छात्रों से रूबरू हुए शशांक
डिजिटल पेमेंट का उभरता मार्केट है भारत, छात्रों से रूबरू हुए शशांक

मेरठ, जेएनएन। एक्स मेरियन एसोसिएशन की ओर से सेंट मेरीज एकेडमी में सोमवार को एक सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें पूर्व विदेश सचिव शशांक और वीजा कार्ड के बिजनेस टू बिजनेस के ग्लोबल हेड अभिषेक कुमार बच्चों से रूबरू हुए। अभिषेक कुमार ने छात्रों को खूब मेहनत से पढ़ाई करने और स्कूल में दोस्त बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अच्छे दोस्त स्कूल में ही बनते हैं और वही जीवनभर सुख-दुख में काम आते हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अभिषेक ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल पेमेंट शुरुआती दौर में है और इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं भी हैं। देश में नकद लेनदेन को कम करने के लिए काफी काम भी हुआ है, जिसका असर आने-वाले सालों में दिखाई देगा।

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अभिषेक के अनुसार वीजा कार्ड क्रेडिट यानी लोन को सहज मुहैया कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिससे किसी भी व्यवसाय को रुपये न होने पर त्वरित मदद मिल सके और नुकसान से बचाया जा सके। इसका उद्देश्य लोगों पर लोन का दबाव बढ़ाना नहीं है। अत्यधिक लोन लेना भी अच्छी बात नहीं होती। उन्होंने कहा कि बहुत से विकसित देशों में अब लोग जेब में नकद कैश लेकर नहीं चलते। अधिकतर लोग कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और उससे ही हर तरह का भुगतान करते हैं। इससे बिल भुगतान के लिए कतार में नहीं लगना पड़ता, उत्पादकता बढ़ती है और देश के विकास में मदद मिलती है। अभिषेक ने वर्ष 1995 में सेंट मेरीज एकेडमी से 12वीं उत्तीर्ण किया था।

परिस्थिति के साथ बनती है विदेश नीति

देश के पूर्व विदेश सचिव रहे शशांक ने बताया कि देश के भीतर और बाहरी जो भी हालात बनते हैं उन पर विदेश नीति निर्भर करती है। देश में मजबूत लीडरशिप विदेशों में अधिक महत्व की गारंटी नहीं होती। हर देश अपना हित पहले देखते हैं। हमारा पड़ोसी भी हमें पीछे रखने की कोशिश करता है। मुस्लिम देशों में भारत को इस्लाम विरोधी बताया जाता रहा है। अब परिस्थितियां बदल रही हैं। खाड़ी देश अब समझने लगे हैं कि भारत मुस्लिम विरोधी देश नहीं है। सउदी अरब व भारत के रिश्ते अच्छे है। यह इसलिए भी क्योंकि ऊर्जा के क्षेत्र में सउदी की मोनोपोली कम हो रही है। इसी तरह अन्य देशों में भी भारत की छवि बदल रही है। यूएन में स्थायी सदस्य बनकर बैठे देश किसी और को नहीं आने देना चाहते, जिससे उनका महत्व कम न हो जाए।

होते रहेंगे ऐसे कार्यक्रम

एक्समा के अध्यक्ष ऐनुद्दीन शाह ने कहा कि पुरातन छात्रों को सुनकर छात्र प्रोत्साहित होंगे और अपने लक्ष्य को हासिल करने को आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि आगे भी एक्समा की ओर से इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। स्कूल के प्रिंसिपल रेवरन ब्रदर बाबू वर्गीज ने अतिथियों का अभिनंदन किया और बच्चों को उनसे सीखने के लिए प्रेरित किया। उपाध्यक्ष विपुल सिंघल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एक्समा के सदस्यों में नीरज नारंग, अपूर्व गुप्ता, अजय वर्मा, संजय गुप्ता, अंकित सिंघल, अजय एंथनी, शुभांकर शर्मा, हेमंत आदि उपस्थित रहे।


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