कृषि विकास में कृषि विज्ञान केंद्रों का महत्तवपूर्ण योगदान : मंत्री
कृषि विवि में मंगलवार को मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नरेंद सिंह तोमर ने कृषि विज्ञान केंद्र बदायूं-दो के प्रशासनिक भवन का वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से शिलान्यास किया।
जेएनएन, मेरठ। कृषि विवि में मंगलवार को मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नरेंद सिंह तोमर ने कृषि विज्ञान केंद्र बदायूं-दो के प्रशासनिक भवन का वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से शिलान्यास किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में विशिष्ट अतिथि केंद्र सरकार के राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सांसद धर्मेश कश्यप, विधायक राजीव कुमार सिंह, सचिव डा. त्रिलोचन महापात्रा, उपमहानिदेशक डा. एके सिंह, कुलपति आरके मित्तल मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि ने कहा कि देश के कृषि विकास में कृषि विज्ञान केंद्रों का महत्तवपूर्ण योगदान है। देश के 86 कृषि विज्ञान केंद्रों का किसानों को कृषि तकनीकी एवं कृषि प्रसार के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने में अग्रणी स्थान है। प्रशिक्षण और प्रसार के माध्यम से प्रदेश के समस्त कृषि विज्ञान केंद्र अग्रणी भूमिका निभाए। राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बदायूं में निíमत होने वाले नए कृषि विज्ञान केंद्र के शिलान्यास को उस क्षेत्र के किसानों एवं युवाओं के लिए महत्तवपूर्ण बताया। मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बदायूं-दो कृषि विज्ञान केंद्र के शिलान्यास अवसर पर उपस्थित लोगों का आभार जताया। केंद्र सरकार द्वारा बीते 2015-16 में 20 कृषि विज्ञान केंद्र यूपी सरकार को आवंटित किए थे। इनमें से 13 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हो चुके है। कृषि विज्ञान केंद्र 60 वर्षो से किसानों के लिए कार्य कर रहे हैं, जो अब उनके जीवन को हिस्सा बन चुके है। किसान के साथ खेत में जाकर सच समझें छात्र
जेएनएन, मेरठ। शोभित विवि में मंगलवार को नेशनल वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका उद्धघाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने किया। अध्यक्षता कुलाधिपति कुंवर शेखर बिजेंद्र और आइआइएम लखनऊ की निदेशक प्रो.अर्चना शुक्ला ने की। केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले तीन माह से देश बचाने वाला भारत का किसान है। शिक्षा के साथ किसानों के लिए व्यावहारिक समाधान भी तलाशें, ताकि किसानों का सीधा फायदा हो सके। छात्र किसानों से जुड़ी समस्याओं और जमीनी हकीकत को समझने के लिए खेतों को देखें। कुलाधिपति ने कहा कि एग्री बिजनेस से जुड़े छात्र गांव में जाकर किसानों की समस्याएं समझ रहे हैं। उनके साथ काम कर रहे हैं। डॉ. सत्येन यादव, प्रो. जेएस संधू, प्रो. एमपी यादव, कृषि कुलपति आरके मित्तल, प्रो. डीआर सिंह, प्रो. संजीव कपूर, प्रो. पीएल गौतम आदि थे।