मेरठ में जिस्मफरोशी : सीओ ने निर्दोष और एएसपी ने विनोद अरोड़ा को दोषी पाया, पढ़िए पूरा मामला
मेरठ में विनोद अरोड़ा की गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र सामने आ रहा है। सीओ की विवेचना में विनोद अरोड़ा को क्लीनिचट दे दी गई थी। दोबारा से एएसपी सूरज राय को विवेचना में विनोद को जिस्मफरोशी का आरोपित बनाया गया।
मेरठ, जेएनएन। शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ के पूर्व महामंत्री विनोद अरोड़ा की गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र सामने आ रहा है। सीओ की विवेचना में विनोद अरोड़ा को क्लीनिचट दे दी गई थी। दोबारा से एएसपी सूरज राय को विवेचना में विनोद को जिस्मफरोशी का आरोपित बनाया गया। आरोप है कि विनोद अरोड़ा के इशारे पर होटल में कई दिनों से जिस्मफरोशी चल रही थी। पकड़े गए कर्मचारियों ने भी अपने बयान में विनोद अरोड़ा के शामिल होने की पुष्टि की है।
18 जुलाई 2019 को नौचंदी थाने के शास्त्रीनगर स्थित होटल साहिल के अंदर से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने जिस्मफरोशी पकड़ी थी। पुलिस ने मौके से चार ग्राहक और दो युवतियों और होटल के कर्मचारियों को पकड़ा था। उस समय मुकदमे में होटल के स्वामी विनोद अरोड़ा को भी आरोपित बनाया गया था। मुकदमा सीओ संजीव देशवाल की तरफ से दर्ज किया गया था, जिसकी विवेचना सीओ हरिमोहन को दी गई थी। सीओ की विवेचना में विनोद अरोड़ा को क्लीनचिट दे दी गई थी। यही कारण है कि विनोद अरोड़ा भी खुलेआम पुलिस के सामने घूम रहा था।
सेंट्रल मार्केट के बाजार बंदी के विवाद के बाद दोबारा से विवेचना शुरू की गई। इस बार विवेचना एएसपी सूरज राय को दी गई। इसमें पाया गया कि होटल के कमरे की बुकिंग का घंटों में रेट वसूला जाता था। साथ ही बाहर से भी लड़कियां बुलाई जाती थीं। इस धंधे से विनोद अरोड़ा काली कमाई कर चुका है। एएचटीयू प्रभारी ब्रिजेश शर्मा ने बताया कि थाने के रिकार्ड में विनोद अरोड़ा को वांछित पाया गया, जिसके बाद होटल पर दबिश देकर शनिवार को विनोद की गिरफ्तारी कर ली गई।
इनका कहना है
एएसपी की विवेचना में विनोद अरोड़ा आरोपित माना गया है, जो पिछले कई दिनों से एएचटीयू थाने से वांछित चल रहा था। पुलिस ने विनोद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अन्य वांछितों की गिरफ्तारी के भी आदेश दिए गए हैं।
- अजय साहनी, एसएसपी