गजब... यहां दबंग के जमीन कब्जाने को विवाद नहीं मानते अफसरान
बागपत में अनीता तीन साल से इंसाफ पाने को घूम रही है। बोली कि मारे गम के मेरी मां तोड़ गई दम।
बागपत, जेएनएन। पांच माह बाद संपूर्ण समाधान दिवस लगा तो कोरोना का खौफ दरकिनार कर फरियादियों की भीड़ लग गई, लेकिन नजराना अपनी शिकायत पंजीकृत कराते हुए कर्मियों पर सवाल दागा कि कुछ कार्रवाई होगी या चक्कर लगाते रहेंगे। पहले हर माह दो हजार रुपये बिल आता था, लेकिन अब 14 हजार रुपये आया है।फैजुल्लापुर गांव की अनीता ने अपने भाई की जमीन पर दबंग के कब्जा करने की शिकायत की। अनुसूचित जाति की अनीता ने बताया कि चार बीघा जमीन पास के गांव निनाना के यमुना खादर में हैं, लेकिन दो बीघा जमीन पर दंबग ने कब्जा कर रखा है। हम फसल बोते हैं लेकिन वह दबंग काटकर ले जाता है। दबंग के जमीन कब्जाने के गम में उनकी मां कलावती दो साल पहले दम तोड़ चुकी है। हम तीन साल से शिकायत करते हैं, लेकिन अफसर ऊपर लिखकर भेज देते हैं कि कोई विवाद नहीं है।फतेहपुर पुट्ठी की विधवा निर्मला ने एसडीएम से शिकायत की कि उनके पास दो बीघा जमीन है। एक साल पहले अविवाहित बेटे की मौत हो गई, लेकिन लेखपाल उनकी जमीन हमारे नाम दर्ज नहीं कर रहे हैं। एक साल से चक्कर लगा रहीं हैं, लेकिनहर बार लेखपाल यह कहकर टरका देता है कि अम्मा चिंता मत करिए...। वह पैसा भी नहीं लेता लेकिन काम भी नहीं करताहै।सरूरपुरकलां की प्रीति ने एसडीएम से पड़ोसी पर नाली बंद करने की शिकायत कर नाली खुलवाने की मांग की। कुल 18शिकायत आई जिनमें चार का मौका पर निस्तारण किया गया है। परियोजना निदेशक विद्यानाथ शुक्ला, एसडीएम अभिनव कुमार, तहसीलदार प्रसून कश्यप, बीडीओ स्मृति अवस्थी आदि अधिकारियों ने कोरोना से बचाव का पालन कराकर लोगोंकी समस्याओं को सुनकर निराकरण का आश्वासन दिया। हालांकि अफसरों का ध्यान शिकायतों पर कम स्मार्ट फोन देखनेमें ज्यादा रहा।