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अगर दिल है कमजोर तो न पीएं ज्‍यादा पानी, वरना हो जाएगा हार्ट फेल Meerut News

बारिश और उमस के बीच आद्रता बढ़ने से मरीजों की हालत बिगड़ने लगती है। ज्यादा पानी पीने से इन मरीजों के फेफड़ों पर लोड बढ़ता है और हार्ट फेल हो सकता है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 11:59 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 11:59 AM (IST)
अगर दिल है कमजोर तो न पीएं ज्‍यादा पानी, वरना हो जाएगा हार्ट फेल Meerut News
अगर दिल है कमजोर तो न पीएं ज्‍यादा पानी, वरना हो जाएगा हार्ट फेल Meerut News
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। अगर हार्ट कमजोर है और मरीज को प्यास ज्यादा लग रही है तो ये खतरनाक लक्षण हैं। हृदय रोग विशेषज्ञों की रिपोर्ट बताती है कि जिन मरीजों के हार्ट की पंपिंग क्षमता करीब 25 फीसद तक रह गई है, उनमें से कई को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। आद्र मौसम में हवा में आक्सीजन घटने से ऐसे मरीजों का दम घुट रहा है। दवाओं को नए सिरे से एडजस्ट कराना पड़ रहा है।
आद्र मौसम में बढ़ती परेशानी
विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। हार्ट की मांसपेशियां कमजोर होने, उच्च रक्तचाप, पंपिंग क्षमता कम पड़ने या हार्ट अटैक के बाद आर्टरी की ताकत घटने, वाल्ब खराब होने, मधुमेह व उच्च रक्तचाप से भी हार्ट फैल जाता है। नियमित दवा लेने से ऐसे मरीज सामान्य रहते हैं, किंतु बारिश और उमस के बीच आद्र्रता बढ़ने से मरीजों की हालत बिगड़ने लगती है। ज्यादा पानी पीने से इन मरीजों के फेफड़ों पर लोड बढ़ता है। हार्ट फेल हो सकता है। इन मरीजों की रात में और लेटने पर सांस ज्यादा फूलती है। हार्ट की गति बढ़ने के साथ बार-बार पेशाब भी आता है। मेडिकल कालेज के फिजीशियन डा. अर¨वद का कहना है कि आद्र्रता ने हार्ट के ऐसे मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। दवाओं की डोज बदलनी पड़ी है।
आक्सीजन घटी और परेशानी बढ़ी
बारिश के मौसम में आद्र्रता बढ़ने से हवा में आक्सीजन की मात्र कम हो जाती है। जिन मरीजों के हार्ट की पंपिंग क्षमता 60 से घटकर 20 फीसद तक रह जाती है। सामान्य रूप से स्वस्थ चल रहे ऐसे मरीजों की अचानक तबीयत बिगड़ रही है। आद्र्रता की वजह से मरीजों को प्यास ज्यादा लग रही है। यही स्थिति खतरनाक बन सकती है। बारिश के मौसम में कई प्रकार के वायरस एवं बैक्टीरिया सक्रिय हो गए हैं। एलर्जी से सर्दी, जुकाम व नजला भी बढ़ा है। इससे भी हार्ट के मरीजों का दम घुटता है। कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है।
विशेषज्ञ बताते हैं-
हार्ट अटैक को ही कई बार फेल्योर समझ लिया जाता है, जबकि दोनों में बड़ा अंतर है। ह्यूमिडिटी बढ़ने से हवा में आक्सीजन घट जाती है। जिन मरीजों के हार्ट की पं¨पग क्षमता 20-30 फीसद रह गई है। इन पर आद्र्र मौसम में हार्ट फेल होने का खतरा ज्यादा होता है। दवाओं की डोज नए सिरे से तय की जा रही है।
- डा. संजीव सक्सेना, हृदय रोग विशेषज्ञ
हार्ट फेल्योर में दिल की मांसपेशियां कमजोर होने से ब्लड को पंप नहीं कर पाती हैं। बारिश और आद्रता के बीच नजला व जुकाम बढ़ने से भी हार्ट फैलने वाले मरीजों का दम घुटता है। प्यास ज्यादा लगने पर भी मरीज को कम पानी दें। धड़कन तेज होना, चक्कर आना और बार-बार पेशाब के लक्षण पर नजर रखें।
- डा. विनीत बंसल, हृदय रोग विशेषज्ञ 

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