Coronavirus: बाईं आंख लाल हुई फिर ठीक हो गई...यह भी कोरोना था, जानें-लक्षण और उपाय
कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई तो बेपरवाह होने की भूल न करें। इस वायरस को दुनिया के वैज्ञानिक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं। डाक्टरों ने मरीजों को आगाह किया है कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी लक्षणों पर नजर रखना जरूरी है।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। अगर कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई तो बेपरवाह होने की भूल न करें। इस वायरस को दुनिया के वैज्ञानिक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं। डाक्टरों ने मरीजों को आगाह किया है कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी लक्षणों पर नजर रखना जरूरी है। कोरोना वायरस छुपा हो सकता है, ऐसे में कई बार नाक के स्वैब की जांच निगेटिव आ रही है। कई नए लक्षणों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। अगर तेज चलने पर शरीर में आक्सीजन का स्तर गिर रहा है। सीआरपी-सी रिएक्टिव प्रोटीन यानी शरीर में संक्रमण का मार्कर का स्तर एक से ज्यादा मिल रहा है तो कोरोना मानकर चलना चाहिए। कई लोगों में बाईं आंख लाल हुई और दो घंटे में ठीक हो गई। पतली दस्त, थकान, गंध जाना, मुंह का स्वाद बदलना या कड़वा होना कोविड हो सकता है। सर्दी में कई लक्षण कोरोना से मिलते जुलते होंगे।
स्वैब लेने में भी हो रही चूक
मेडिकल कालेज के माइकोबायोलाजिस्ट डा. अमित गर्ग का कहना है कि रैपिड यानी एंटीजन जांच की सेंसिटिविटी 50 फीसद के आसपास है। आरटी-पीसीआर जांच में भी कई बार वायरस पकड़ में नहीं आता। संभव है कि जिनकी नाक से स्वैब लिया गया हो, वहां वायरस न हो। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे दो सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों की लगातार दो दिनों तक पीसीआर जांच निगेटिव आई। लेकिन गले और नाक से खुरचकर स्वैब निकालने के बाद पाजिटिव पाए गए। ऐसे में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद बेपरवाह होना खतरनाक होगा।
आंख में खुजली भी कोरोना
मेडिकल कालेज के फिजिशियन डा. टीवीएस आर्य का कहना है कि कोई भी वायरस कई प्रकार के लक्षणों के साथ उभर सकता है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों में बाईं आंख में दो घंटे तक खुजली और लालिमा देखी गई। पतले दस्त, स्किन पर लाल चकत्ते पडऩा, कान में दर्द, पेट में दर्द, थकान और उल्टी जैसे लक्षणों में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। स्वस्थ रहने के बावजूद अचानक गंध और स्वाद जा सकता है। हालांकि खट्टी चीजों का स्वाद बना रहता है।
छह मिनट तेज चलें, फिर आक्सीजन नापें
सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. संतोष मित्तल ने बताया कि कोरोना संक्रमण में साइटोकाइन स्टार्म सबसे ज्यादा खतरनाक है। लंग्स में सूजन से सांस लेने में तकलीफ होती है। शरीर में आक्सीजन का स्तर गिरता है, ऐसे में लक्षण उभरने पर व्यक्ति को छह मिनट तेज चलना चाहिए। अगर आक्सीजन का स्तर चार अंक नीचे आया तो कोरोना हो सकता है।
ये करें खास उपाय
- अगर बुखार 101 डिग्री तक है। सीआरपी तीन से ज्यादा मिला तो लंग्स में सूजन या साइटोकाइन स्टार्म का लक्षण है। यह कोरोना हो सकता है।
- हर चार-छह घंटे में यूरिन आना चाहिए। चिकित्सक से संपर्क कर परामर्श लेते रहें।
- मास्क पहनें, भीड़ में न जाएं। हाथ को बार-बार साफ करते रहें। गहरी सांस वाले एक्सरसाइज करें
इनका कहना है
कोरोना सिर्फ जांच से नहीं पकड़ा जा सकता। कई बार जांच निगेटिव आई, जबकि सारे लक्षण कोविड वाले मिले। इसके कई अन्य नए लक्षणों का पता चल रहा है। संक्रमण से पांचवा दिन सबसे महत्वपूर्ण है,जब साइटोकाइन स्टार्म बनते हैं। लंग्स में सूजन से शरीर में आक्सीजन की मात्रा गिरती है। सीआरपी-यानी सूजन के मार्कर को एक से नीचे रखना चाहिए।
- डा. टीवीएस आर्य, प्रोफेसर, मेडिसिन, मेडिकल कालेज
कई लोगों में बाईं आंख लाल हुई और दो घंटे में ठीक हो गई। पतली दस्त, थकान, गंध जाना, मुंह का स्वाद बदलना या कड़वा होना कोविड हो सकता है। सर्दी में कई लक्षण कोरोना से मिलते जुलते होंगे। छह मिनट तेज चलकर आक्सीजन नापें। चार अंक की गिरावट आए तो लंग्स में संक्रमण संभव है। आइसोलेट होकर चिकित्सक से परामर्श लें।
- डा. तनुराज सिरोही, वरिष्ठ फिजिशियन