जमीन ही नहीं तो उद्योग कहां लगाएं
वेस्टर्न यूपी चेंबर आफ कामर्स के उद्यमियों ने भी सर्किट हाउस में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात की। चेंबर के अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता ने मंत्री से कहा कि पिछले 20 साल से कोई औद्योगिक प्लाट नहीं मिला। दो इन्वेस्टर्स समिट के बावजूद औद्योगिकीकरण में कोई प्रगति नहीं हुई। सरकारी विभागों से लघु उद्योगों को जल्द भुगतान नहीं मिलता।
मेरठ, जेएनएन। वेस्टर्न यूपी, चेंबर आफ कामर्स के उद्यमियों ने भी सर्किट हाउस में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात की। चेंबर के अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता ने मंत्री से कहा कि पिछले 20 साल से कोई औद्योगिक प्लाट नहीं मिला। दो इन्वेस्टर्स समिट के बावजूद औद्योगिकीकरण में कोई प्रगति नहीं हुई। सरकारी विभागों से लघु उद्योगों को जल्द भुगतान नहीं मिलता। उद्योग बंधुओं की बैठकों में कई अहम मसलों पर चर्चा तो होती है, किंतु समाधान नहीं मिलता। अन्य उद्यमियों ने ने भी मंत्री को ज्ञापन देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने निवेश का माहौल बनाने का प्रयास जरूर किया, लेकिन नियमों में कोई सरलीकरण नहीं किया गया है। क्रिकेट उद्यमी सुमनेश अग्रवाल ने कश्मीर विलो की समस्या उठाया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत का भरोसा जताया। उधर, मंत्री ने कहा कि उद्यमी हमें जमीन दें तो उनके लिए फैसेल्टी सेंटर बनाए जाएंगे। इस पर उद्यमियों ने कहा..हमारे पास खुद ही जमीन नहीं, आपको कहां से देंगे।
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बुनकरों के बिल आसानी से जमा होंगे: सिद्धार्थनाथ
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-सर्किट हाउस में बुनकरों से मिले कैबिनेट मंत्री
जागरण संवाददाता, मेरठ: प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में बुनकरों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। उन्हें भरोसा दिया कि पुरानी किताब पर उन्हें बिजली का बिल जमा करने का फिर से अवसर दिया जाएगा। इसके लिए बुनकरों से एक मेमोरेंडम भी मांगा। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्यक्ष तहसीन अंसारी के साथ मंत्री से मिलने पहुंचे बुनकरों ने बताया कि उन्हें सपा सरकार के दौरान एक किताब दी गई थी, जिसके जरिए 130 रुपए प्रति मशीन की दर से बिल जमा किया जाता था। किंतु भाजपा सरकार में इस पर रोक लगा दी गई थी। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भरोसा दिया कि बिल में थोड़ी बढ़ोत्तरी कर इसी किताबों के जरिए बिल को फिर से जमा करने की छूट दे दी जाएगी। तहसीन ने बताया कि मेरठ में करीब 60 हजार बुनकर हैं, जबकि 14 हजार से ज्यादा किताबें जारी की गई हैं। मिलने वालों में हाजी इस्लामुद्दीन, नासिर फोरा, हाजी फारुख समेत कई अन्य शामिल थे। इसके बाद सिद्धार्थनाथ सिंह एक कार्यक्रम में शामिल होने निकल गए।
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