प्रमुख सचिव के अधिकारियों को निर्देश, प्रवासी श्रमिक जिले में आकर काम मांगते हैं तो जरूर दीजिए Meerut News
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में आने वाले हर प्रवासी श्रमिक को शीघ्र मनरेगा के तहत कार्य दिया जाए।
मेरठ, जेएनएन। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में आने वाले हर प्रवासी श्रमिक को शीघ्र मनरेगा के तहत कार्य दिया जाए। प्रमुख सचिव ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ वीडियो काफ्रेंसिंग की। उन्होंने कहा कि जितने भी प्रवासी श्रमिक अब जिले में आ रहे हैं। साथ ही काम मांग रहे हैं, उन सभी को प्राथमिकता से काम दिया जाए। उन्होंने श्रमिकों की संख्या को देखते हुए अधिकारियों को मनरेगा योजना में काम तेजी से बढ़ाने के निर्देश भी दिये।
ग्राम पंचायतों में भी जल्दी ही कार्य शुरू होंगे
उन्होंने तालाब कार्य, पौधारोपण के लिए गड्ढे, नाला-नाली कार्य कराने के लिए कहा। प्रमुख सचिव ने पौधारोपण के लिए वन विभाग व उद्यान विभाग की नर्सरी का निरीक्षण करने के लिए कहा। जिले में कुल 479 ग्राम पंचायते हैं। इनमें से 352 में मनरेगा का कार्य शुरू हो चुका है। सीडीओ ईशा दुहन ने शुक्रवार को वीसी के बाद जिले के बीडीओ की बैठक ली। जिसमें बाकी बची ग्राम पंचायतों में भी जल्दी ही कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए। वीसी में सीडीओ ईशा दुहन, पीडी भानु प्रताप सिंह व डीडीओ दिग्विजय नाथ तिवारी आदि मौजूद रहे।
कामगारों अब आ भी जाओ
कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन का जाम पहिया अब घूमने लगा है। औद्योगिक इकाइयों और निर्माण कंपनियों को आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों के बीच काम करने की इजाजत मिलने लगी है। परिणाम, लॉकडाउन में दूसरे तमाम संकटों के चलते अपने घर चले गए कामगारों को अब संदेश भेजे जाने लगे हैं, चले आओ, अब चले भी आओ, काम शुरू हो चुका है। इन संदेशों में जहां उद्योगों के पहिए घूमने का संदेश है, वहीं अपनत्व का भाव भी। सबसे पहले बात करते हैं मेरठ की। यहां निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम कामगारों की कमी से प्रभावित है। ठेकेदार पुष्पेंद्र द्वारा विभिन्न माध्यमों से बिहार के 900 श्रमिकों से संपर्क किया जा रहा है।
किया जा रहा संपर्क
पुष्पेंद्र बताते हैं कि इसी तरह फिटर का बेहतर काम करने वाले 80 लोग पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं। उन सभी लोगों से लगातार संपर्क किया जा रहा है कि भई, अब आ जाइए। ये वो लोग हैं जो होली में घर गए लेकिन लॉकडाउन के चलते वापस नहीं आ सके। इस एक्सप्रेस-वे की कार्यदायी कंपनी के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज बैरवा बताते हैं कि रोज और कई बार श्रमिकों को फोन करवाया जा रहा है। कुछ लोग आने को तैयार भी हो गए हैं। वापस आने वाले श्रमिकों को लाने के लिए वाहन व अनुमति की समस्या आएगी, उसके लिए एनएचएआइ अपने स्तर से योजना बना रहा है।