खुद शिकार हुआ तो बना लिया अपना 'ठग गैंग'
ठगों ने छह हजार का चूना लगा दिया तो युवक ने खुद का गिरोह बना लिया
मेरठ : एटीएम कार्ड बदलकर ठगों ने छह हजार का चूना लगा दिया तो युवक ने अपना खुद का गिरोह बना डाला। पाच साल में दर्जनों वारदातों को अंजाम देकर 20 लाख रुपए से अधिक कमा लिए। लिसाड़ी गेट पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरोह भीड़-भाड़ वाले इलाके में कम पढ़े-लिखे लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर उनके खातों से रकम निकाल लेता था। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने रविवार को पुलिस लाइन सभागार में प्रेस वार्ता कर बताया कि आरोपितों के कब्जे से विभिन्न बैंकों के 17 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
पकड़े गए आरोपित प्रदीप कुमार पुत्र दरिया निवासी ग्राम लोहड्डा थाना बडौत बागपत, हाल पता सदलपुरिया मोहल्ला शिवनंदी मंदिर के सामने मलियाना टीपीनगर, सोनू पुत्र बाबूराम निवासी ग्राम पिन्ना थाना कोतवाली मुजफ्फरनगर, हाल बरातघर के सामने सेक्टर पाच शताब्दी नगर परतापुर और मोंटी पुत्र मुनेश निवासी गली नंबर-एक घोपला रोड रिठानी परतापुर हैं। प्रदीप गिरोह का सरगना है, जो पाच सालों से एटीएम बदलकर ठगी कर रहा है। प्रदीप पाचवी फेल है और सोनू छठी फेल है। दोनों गाड़ी चलाते हैं। आठवीं फेल मोंटी हलवाई है। मोंटी प्रदीप की बुआ का लड़का है। आरोपितों ने मेरठ के अलावा राजस्थान के धौलपुर व भरतपुर, शामली के झिझाना में ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। मोंटी हत्या के मामले में जेल जा चुका है। प्रदीप दस दिन पहले ही ठगी के मामले में मुजफ्फरनगर जेल से छटा है।
ऐसे पकड़े गए आरोपित
लिसाड़ी गेट के गोला कुआ में एचडीएफसी बैंक का एटीएम है। शनिवार रात तीनों आरोपितों ने एक व्यक्ति का एटीएम कार्ड बदल लिया। कार्ड बदलते हुए किसी जागरूक नागरिक ने देख लिया और पुलिस को सूचना दे दी। तत्काल कार्रवाई करते हुए लिसाड़ी गेट इंसपेक्टर रघुराज सिंह ने टीम के साथ घेराबंदी कर तीनों को दबोच लिया।