मेरठ की हर ग्राम पंचायत के सौ श्रमिक परिवारों को मिलेगा मनरेगा में 100 दिन का काम Meerut News
मनरेगा योजना में पूरे जिले में 10 हजार से अधिक श्रमिक काम कर रहे हैं। साथ ही लाकडाऊन अवधि के दौरान श्रमिकों की संख्या का यह आंकड़ा कुछ दिन 12 हजार तक भी पहुंच चुका है।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन अवधि के दौरान जिले में वापसी करने वाले प्रवासी श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि इन प्रवासी श्रमिकों को कोरोना वायरस महामारी के दौरान आर्थिक संकट से न जूझना पड़े।
विकास भवन सूत्रों के अनुसार मनरेगा योजना में पूरे जिले में 10 हजार से अधिक श्रमिक काम कर रहे हैं। साथ ही लाकडाऊन अवधि के दौरान श्रमिकों की संख्या का यह आंकड़ा कुछ दिन 12 हजार तक भी पहुंच चुका है। जिला प्रशासन मनरेगा योजना में प्रवासी श्रमिकों को भी अधिक से अधिक काम देने का प्रयास कर रहा है।
यह लिया अब निर्णय
इसी क्रम में अब यह निर्णय लिया गया है कि जिले की हर ग्राम पंचायत के जरूरतमंद सौ परिवारों को कम से कम इस योजना के तहत 100 दिन का काम अवश्य दिया जाए। ताकि वह लाकडाउन अवधि के दौरान अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। इसके लिए परियोजना निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण मेरठ भानु प्रताप सिंह ने जिले के सभी बीडीओ को निर्देश भी जारी किए हैं।
इसके साथ ही प्रवासी श्रमिकों की सूची में से भी उन नामों को लिया जा रहा है, जो इस योजना के तहत काम करना चाहते हैं। शनिवार को भी सीडीओ कार्यालय में दिनभर प्रवासी श्रमिकों से बातचीत कर उनको रोजगार दिलाने के लिए सूची को अपडेट करने का कार्य चल रहा है।
इन्होंने कहा
प्रवासी श्रमिकों को लॉकडाउन अवधि में परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए ही अब जिले की हर ग्राम पंचायत में 100 परिवारों को कम से कम 100 दिन का काम देने का लक्ष्य रखा गया है। भानु प्रताप सिंह, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण मेरठ।