मेरठ में आवारा आतंक से कैसे मिले निजात, कुत्तों की नहीं हो पा रही नसबंदी, यह है वजह
नगर निगम ने शंकर नगर फेज-दो में आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एक सेंटर तैयार किया है। जिसमें नौ कमरे हैं। जिसमें से दो कमरे पशु चिकित्सक और ओटी के रूप में उपयोग किए जाएंगे। बाकी कमरों में आवारा कुत्तों को रखा जाएगा।
मेरठ, जेएनएन। stray dog terror in meerut मेरठ शहर में आवारा कुत्तों का आंतक है। आए दिन बच्चों पर आवारा कुत्ते हमले कर रहे हैं। कई बार तो जानलेवा स्थिति तक बन चुकी है। इसके बाद भी नगर निगम को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। आवारा कुत्तों का नसबंदी केंद्र बनकर तैयार है। लेकिन यह कब चालू होगा। नगर निगम के अधिकारियों के पास इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।
नगर निगम ने शंकर नगर फेज-दो में आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एक सेंटर तैयार किया है। जिसमें नौ कमरे हैं। जिसमें से दो कमरे पशु चिकित्सक व ओटी के रूप में उपयोग किए जाएंगे। बाकी कमरों में आवारा कुत्तों को रखा जाएगा। आवारा कुत्तों के स्नान और रखे जाने वाले स्थान की सफाई की व्यवस्था भी की गई है। निर्माण विभाग ने यह काम पूरा कर लिया है। अब आगे एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम के तहत जरूरी व्यवस्थाएं स्वास्थ्य अनुभाग को करनी है। जो अभी मौजूद नहीं है।
स्वास्थ्य अनुभाग यह दावा कर रहा है कि जल्द एक एजेंसी को आवारा कुत्तों को शहर से पकड़ने का काम दिया जाएगा। एजेंसी आवारा कुत्तों की नसबंदी के बाद आवारा कुत्तों को वहीं छोड़ेगी जहां से उसे पकड़ा गया होगा। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह से जब यह पूछा गया कि शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम कब शुरू हो रहा है तो उनका जवाब था कि अभी प्रक्रिया में है। जल्द शुरू होगा।