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225 करोड़ की लागत से बना अस्पताल..डाक्टर एक भी नहीं

सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक के लिए नहीं मिला एक भी डाक्टर। मेडिकल कालेज में 151 में सिर्फ एक एमसीएच डिग्रीधारक।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 01:30 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 01:30 PM (IST)
225 करोड़ की लागत से बना अस्पताल..डाक्टर एक भी नहीं
225 करोड़ की लागत से बना अस्पताल..डाक्टर एक भी नहीं

जागरण संवाददाता, मेरठ। एम्स की तर्ज पर उच्च गुणवत्तायुक्त उपचार देने की योजना परवान चढ़ने से पहले ही हांफ गई है। मेडिकल कालेज में 225 करोड़ की लागत से बनी इमारत को एमसीएच एवं डीएम चिकित्सकों का इंतजार है। तीन माह से किए जा रहे साक्षात्कार के प्रयास में एक भी आवेदन नहीं पहुंचा। अब शासन पीजीआइ की तर्ज चिकित्सकों को बढ़ा हुआ वेतनमान देने की संभावना तलाश रहा है।

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आठ ब्लाक, 160 बेड

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में 150 करोड़ की लागत से नया ब्लाक बनाया गया। आठ विभागों में पांच-पांच बेडों के आइसीयू यूनिट बनाई गई हैं। आइसीयू में कुल 160 बेड होंगे। सुपरस्पेशियलिटी के अंतर्गत यूरोलॉजी, अंकोलॉजी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलोजी व बर्न यूनिट समेत आठ ब्लाक होंगे। बैक्टीरिया मुक्त आपरेशन थिएटर बनाए गए हैं। कैंसर के मरीजों की सुरक्षित रेडियोथेरेपी के लिए लीनियर एक्सलेटर लगाने की योजना है। हृदय रोगियों के लिए एंजियोप्लासी की भी सुविधा उपलब्ध होगी। इस योजना के अंतर्गत गरीब मरीजों को असाध्य बीमारियों का इलाज मुफ्त मिलेगा।

चिकित्सकों के 24 में 15 पद पर हरी झंडी

सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक में विशेषज्ञ चिकित्सक, फार्मासिस्ट, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी मिलाकर करीब सौ लोगों का स्टाफ होगा। 24 के सापेक्ष चिकित्सकों के 15 पदों को स्वीकृति मिल चुकी है। गत तीन वर्ष के दौरान न्यूरोसर्जन डा. संजय शर्मा, न्यूरोफिजीशियन डा. मणि गुप्ता, यूरोसर्जन डा. अभिषेक जैन छोड़कर चले गए, नेफ्रोलॉजिस्ट डा. अरविंद त्रिवेदी सहारनपुर व डा. सुधीर राठी बाहर चले गए। इस समय मेडिकल कालेज के 151 डाक्टरों में सिर्फ डा. गौरव गुप्ता एमसीएच हैं। फिलहाल लेक्चरर को 60 हजार, असिस्टेंट प्रोफेसर को 80 हजार, प्रोफेसर को सिर्फ 90 हजार का स्केल दिया जा रहा है। इस डिग्री के डाक्टर निजी अस्पतालों में इससे कई गुना पाते हैं।

70 करोड़ के चिकित्सा उपकरण

प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने एम्स, ऋषिकेश पहुंचकर सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों पर विशेषज्ञों से परामर्श लिया। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के मानकों के मुताबिक हर विभाग में उच्च गुणवत्तायुक्त उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज डा. आरसी गुप्ता का कहना है कि इस साल के अंत तक सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक शुरू करना है। तीन माह के दौरान एक भी विशेषज्ञ डाक्टर इंटरव्यू देने नहीं पहुंचा। 70 करोड़ के उपकरण भी मंगाए जा चुके हैं। नए डाक्टरों की नियुक्ति के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।


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